निवेश से जुड़े जोखिम को कम करने को लिए अपनाएं ये तरीके रहेंगे खुश

सामान्यतौर पर आपके portfolio का एसेट एलोकेशन इक्विटी, डेट और कैश सेगमेंट में बंटा होता है.

अगर आप इक्विटी और इक्विटी से जुड़े निवेश विकल्पों में पैसे लगाकर बिना जोखिम का आकलन किए हाई रिटर्न हासिल कर रहे हैं तो आप सही रास्त पर नहीं हैं। इस तरह के हर निवेश के साथ कुछ जोखिम जरूर जुड़ा रहता है और किसी निवेशक की सबसे बड़ी भूल होती है इस तरह के जोखिमों की तरफ ध्यान न देना। जब आप अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में अलग-अलग निवेश विकल्पों में निश्चित अनुपात में अपने पैसे लगाते हैं तो आपके पूरे पोर्टफोलियो पर जोखिम कम होता है।

सही तरह से करें एसेट एलोकेशन

सामान्यतौर पर आपके portfolio का एसेट एलोकेशन इक्विटी, डेट और कैश निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं सेगमेंट में बंटा होता है। लेकिन ये कई व्यक्तिगत कारकों पर भी निर्भर करता है जिसमें आपकी उम्र, जोखिम लेने की क्षमता, आपकी बचत और वित्तीय लक्ष्य शामिल होते हैं। इससे साफ होता हो कि एसेट एलोकेशन का मतलब सिर्फ equity और debt इंस्ट्रूमेंट से न होकर आपकी वित्तीय स्थित से भी होता है जो इसमें बड़ी भूमिका अदा करता है। उदाहरण के लिए जब एसेट एलोकेशन की बात होती है तो कोई फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह 25 साल के किसी युवा के लिए अलग होती है जबकि 50 साल के किसी व्यक्ति के लिए उसकी सलाह अलग होती है। इसी तरह किसी किसी शादी शुदा और बच्चों वाले व्यक्ति के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह कुछ दूसरी होगी जबकि किसी कुंवारे व्यक्ति के लिए वह दूसरी तरह की सलाह देगा।

Scripbox के Prateek Mehta का कहना है कि हर निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्य अलग होते हैं। अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और अपने गोल हसिल करने के टाइम फ्रेम को ध्यान में रखकर ही किसी निवेशक को ये तय करना चाहिए कि वे इक्विटी या डेट किसी एसेट क्लॉस में अपने पैसे लगाना चाहता है और कितनी मात्रा में निवेश करना चाहता है। अगर आप 1-3 साल की छोटी अवधि के लिए पैसे लगाने चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में डेट पर ज्यादा एलोकेशन करें। लेकिन अगर आप लंबे नजरिए से निवेश करते हैं तो पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा ज्यादा रखें।

अपने निवेश को डाइवर्सिफाइ करें

जब आप अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में अलग-अलग निवेश विकल्पों में निश्चित अनुपात में अपने पैसे लगाते हैं तो आपके पूरे पोर्टफोलियो पर जोखिम कम निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं होता है। उदाहरण के लिए अगर आप इक्विटी में 30 फीसदी, इंश्योरेंस में 20 फीसदी, मियादी जमा में 30 फीसदी और रियल इस्टेट में 20 फीसदी पैसे डालते हैं जो शेयरों की कीमतों में किसी गिरावट की स्थित में आपका घाटा सीमित हो जाता है क्योंकि आपके निवेश का 70 फीसदी हिस्सा दूसरे विकल्पों में लगा है। इससे साफ हो जाता है कि पोर्टफोलियो को जोखिम से बचाने में डाइवर्सिफिकेशन का अहम योगदान होता है। लेकिन डाइवर्सिफाइ करने का मतलब ओवर डाइवर्सिफिकेशन (over-diversification) भी नहीं होता इसका ध्यान रखें।

अपने निवेश की नियमित निगरानी करते रहें

अपने निवेश की नियमित निगरानी करते रहें। एक साल पहले की बाजार स्थित में किया गया निवेश हो सकता है आज की स्थिति में उतना फायदेमंद न हो। ऐसा स्थिति में यदि आप अपने निवेश पर नजर नहीं रखते हैं अपने पोर्टफोलियो पर निवेश जोखिम बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में इनवेस्टमेंट होल्डिंग को ट्रैक करना जरूरी हो जाता है। आपको समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन करते रहना चाहिए जिससे कि बीते समय के साथ अगर आपके पोर्टफोलियों में कोई असंतुलन हो जाता है, तो उसे ठीक किया जा सके।

जोखिम उठाने की क्षमता को पहचाने

बाजार में निवेश करने के लिए हर निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता अलग-अलग होती है। कोई भी निवेश निर्णय लेते समय अपनी उम्र, आय और अपने ऊपर निर्भर लोगों को ध्यान में रखते हुए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता तय करें और फिर उसके हिसाब से ही सही निवेश विकल्प अपना कर अपने पैसे लगाएं।

पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखें

3-12 महीने के खर्च भर का पैसा लिक्विड तौर पर रखें या फिर इनको ऐसे असेट क्लास में लगाएं जिसको तत्काल जरूरत होने पर आप इसे भुना सकें। ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले प्रोडक्ट में पैसे लगाना उस स्थिति में आपके लिए खराब फैसला हो सकता है जब आपको तुरंत पैसों की जरूरत पड़ जाए और जिस असेट में आपने निवेश किया है, वो भारी उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रहा हो। ऐसी स्थिति में अगर आप अपने 3-12 महीने के खर्च का पैसा लिक्विड के तौर पर रखते हैं तो आपको अपने हाई बीटा इन्वेस्टमेंट को एकाएक बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ध्यान रखें कि ऐसे निवेशों में जब आप लंबे समय तक बने रहते हैं तभी आपको फायदा मिलेगा।

SIP में लगाएं पैसे

SIP में पैसे लगाकर आप सीधे तौर पर इक्विटी में पैसे लगाने से होने वाले जोखिम को कुछ कम कर सकते हैं। इसके अलावा SIP में निवेश से आपको रूपी कास्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिलता है। इसका मतलब ये है कि जब मार्केट डाउन होता है तो आपको ज्यादा यूनिटें मिलती हैं और जब बाजार बढ़त पर होता है, तो आपको कम यूनिटें मिलती हैं। इसके अलावा SIP से आपको बाजार के उतार चढ़ाव से भी सुरक्षा मिलती है और आपके इन्वेस्टमेंट फोर्टफोलियो की ओवर ऑल कमाई बढ़ती है।

Risk क्या है? - जोखिम क्या है?

सरल शब्दों में, जोखिम (Risk) कुछ बुरा होने की संभावना है। Risk में किसी गतिविधि के प्रभाव/निहितार्थ के बारे में अनिश्चितता शामिल होती है, जिसे मनुष्य महत्व देता है, अक्सर नकारात्मक, अवांछनीय परिणामों पर ध्यान केंद्रित निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं करता है। कई अलग-अलग परिभाषाएँ प्रस्तावित की गई हैं।

एक जोखिम क्या है? [What is Risk? In Hindi]

Risk का अर्थ है अपेक्षित आय या परिणाम से विचलन के संबंध में संभावित अनिश्चितता। जोखिम उस अस्थिरता का परीक्षण करता है जिसे एक निवेशक निवेश से लाभ प्राप्त करने के लिए लेना चाहता है।

Risk विभिन्न स्थितियों से आते हैं और विभिन्न प्रकार के होते हैं। हमारे पास Liquidity Risk, Sovereign Risk, Insurance Risk, Business Risk और Default का Risk है। किसी निवेश या स्थिति को प्रभावित करने वाले विशिष्ट कारकों से उत्पन्न अनिश्चितता के कारण Specific Risk मौजूद होते हैं।

व्यापार, प्रतिपक्षकार, तरलता और Interconnection Risk व्यापारिक derivatives से जुड़े प्रमुख Risk हैं। derivative investment securities हैं जिनमें उन पार्टियों के बीच एक अनुबंध होता है जिनका मूल्य उस वित्तीय संपत्ति के मूल्य से प्राप्त होता है और उस पर निर्भर करता है जो इसे रेखांकित करता है। सबसे अधिक कारोबार किए जाने वाले डेरिवेटिव्स में फ्यूचर्स, ऑप्शंस, डिफरेंशियल बॉन्ड या सीएफडी और स्वैप हैं।

Risk क्या है? - जोखिम क्या है?

'जोखिम' की परिभाषा [Definition of "Risk" In Hindi]

Risk का तात्पर्य अपेक्षित आय या अपेक्षित परिणाम से विचलन के बारे में भविष्य की अनिश्चितता से है। Risk उस अनिश्चितता को मापता है जो एक निवेशक निवेश से लाभ प्राप्त करने के लिए लेने को तैयार है। Reverse Repo Rate क्या है?

वित्तीय Risk के प्रकार [Types of Financial Risk] [In Hindi]

हर बचत और निवेश कार्रवाई में अलग-अलग Risk और रिटर्न शामिल होते हैं। सामान्य तौर पर, वित्तीय सिद्धांत परिसंपत्ति मूल्यों को प्रभावित करने वाले निवेश Risk को दो श्रेणियों में वर्गीकृत करता है: systematic risk और volatile risk। मोटे तौर पर कहें तो निवेशकों को व्यवस्थित और गैर-व्यवस्थित दोनों तरह के Risk का सामना करना पड़ता है।

पैसे से पैसे बनते हैं, निवेश के ये 5 तरीके, आज ही अपने लिए चुनें!

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निवेशक कई तरह के होते हैं. कुछ लोग बेहतर रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं. जबकि कुछ लोग भले रिटर्न कम मिले, लेकिन जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं. ऐसे में हर तरह के निवेशक के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म होते हैं. जहां वो अपनी सुविधा के अनुसार निवेश कर सकते हैं.

मार्च में भारी गिरावट

दरअसल, फरवरी में कोरोना वायरस की आहट से शेयर बाजार में गिरावट का जो दौर चला वो मार्च में और गहरा गया था. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को इस महामारी ने झटका दिया है. यही नहीं, कुछ लोग अब भी शेयर बाजार से डरे हुए हैं. जबकि मार्च से लगातार शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है.

नए साल से करें निवेश की शुरुआत

ऐसे में नए साल में कहां निवेश करें, जहां पैसा सुरक्षित रहे और रिटर्न अच्छा मिले. ये सबसे बड़ा सवाल है? हम आपको निवेश के 5 तरीके बताते हैं, जहां आप नए साल निवेश कर सकते हैं. लेकिन कहीं भी निवेश से पहले जोखिमों के बारे में जरूर पता कर लें.

शेयर बाजार में निवेश का मौका

शेयर बाजार में निवेश: अगर आप थोड़ा बहुत जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो शेयर बाजार में निवेश कर मोटी रकम कमा सकते हैं. फिलहाल शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए पैसा लगाने का सही वक्त है. जानकारों की मानें तो बाजार में तेजी का रुख आगे भी जारी रहेगा. हालांकि शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय जानकार से सलाह जरूर लें.

म्यूचुअल फंड में SIP

कोरोना के मामले खत्म होते ही म्यूचुअल फंड में और तेजी देखने को मिल सकती है. वैसे कुछ म्यूचुअल फंड ने कोरोना संकट के बीच भी अच्छा रिटर्न दिया है. यही नहीं, पिछले करीब 20 सालों में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड से खूब पैसे बनाए हैं. इसलिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प साबित हो सकता है लेकिन इसके लिए सही फंड का चुनाव अहम होता है.

सोने में निवेश

सोने में निवेश: कोरोना संकट में निवेशकों से सोने में जमकर पैसे लगाए. हमेशा जब भी आर्थिक मंदी की आहट होती है तो सोने में निवेश बेहतर विकल्प साबित होता है. अभी गोल्ड अपने उच्चतम स्तर से करीब 10 फीसदी से ज्यादा नीचे है. लेकिन पिछले एक साल में सोने ने करीब 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. हालांकि फिजिकिली गोल्ड में निवेश से बचें.

सरकारी योजनाओं में निवेश

सरकारी योजनाओं में निवेश: पीपीएफ समेत कई सरकार निवेश के विकल्प भी आपके सामने हैं, जिसमें आपका निवेश बिल्कुल सुरक्षित रहेगा और रिटर्न भी बैंक डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा मिलेगा. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में आप हर महीने निवेश कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई 10 साल से कम उम्र लड़की है तो फिर उसके नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. मोदी सरकार इस योजना पर बेहतर रिटर्न दे रही है. इसके अलावा बैंक डिपॉजिट हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है. जिसमें रिटर्न के बारे में पहले से पता होता है.

प्रॉपर्टी में निवेश

प्रॉपर्टी में निवेश: साल 2021 में प्रॉपर्टी में निवेश में एक विकल्प हो सकता है. पिछले कुछ वर्षों में प्रॉपर्टी ने निवेशकों निराश किया है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगले साल तेजी का माहौल रहेगा, क्योंकि सरकार का फोकस इस साल रियल एस्टेट सेक्टर पर हो सकता है. पिछले करीब 4 सालों से प्रॉपर्टी की कीमत में उछाल देखने को नहीं निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं मिली है, इसलिए नया साल प्रॉपर्टी निवेशकों के लिए अहम रहने वाला है.

भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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एफडी में निवेश हमेशा रिस्क फ्री नहीं, जानिए- क्या-क्या हैं जोखिम?

कुछ बैंक फिक्स्ड डिपोजिट की सुविधा सेविंग अकाउंट होने पर ही देते हैं. लेकिन कुछ बैंक सीधे फिक्स्ड डिपोजिट सुविधा देते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Jun 2020 11:31 AM (IST)

बैंकों का फिक्स्ड डिपोजिट बिल्कुल सुरक्षित निवेश माना जाता है. इसके डूबने का कोई खतरा नहीं होता और इस पर एक निश्चित ब्याज तय होता है. इसलिए सुरक्षित रिटर्न चाहने वाले निवेशक इस पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं. चूंकि फिक्स्ड डिपोजिट बाजार के जोखिम से जुड़े नहीं होते हैं इसलिए यह निश्चित रिटर्न के गारंटी वाले होते है.लेकिन फिक्स्ड डिपोजिट के जोखिम भी हैं. सजग निवेशकों के लिए इन्हें जानना बेहद जरूरी है.

कुछ बैंक फिक्स्ड डिपोजिट की सुविधा सेविंग अकाउंट होने पर ही देते हैं. लेकिन कुछ बैंक सीधे फिक्स्ड डिपोजिट सुविधा देते हैं. आइए एफडी करवाने से पहले जान लेते हैं कि इनके जोखिम क्या हैं.

पेनाल्टी का जोखिम

फिक्स्ड डिपोजिट को आप जब चाहे तुड़वा सकते हैं. लिक्वडिटी के हिसाब से यह बेहतरीन निवेश इंस्ट्रूमेंट है लेकिन मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर पेनाल्टी लगती है. पेनाल्टी की राशि अलग-अलग बैंक में अलग-अलग होती है.

बैंक डिफॉल्ट का जोखिम

बैंक डिफॉल्ट होने से एफडी निवेशकों का पैसा फंस सकता है. हालांकि भारत में निवेशकों को गारंटी मिली होती है. लेकिन हाल में कई बैंक डूबे हैं और निवेशकों का पैसा ब्लॉक हो गया है. आरबीई पांच लाख रुपये तक पर गारंटी देता है लेकिन इससे ऊपर की राशि पर गारंटी नहीं है.

कम ब्याज दर का जोखिम

बैकों पर कर्जा सस्ता करने का दबाव बढ़ने के साथ ही फिक्सड डिपोजिट पर ब्याज लगातार घटता जा रहा है. अब महंगाई दर और एफडी के ब्याज दर में बहुत कम अंतर रह गया है. इसलिए फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश करना रिटर्न के लिहाज से खराब निवेश माना जाने लगा है. एफडी के कम ब्याज की वजह से निवेशक म्यूचुअल फंड की ओर रुख करने लगे हैं.

लॉक-इन पीरियड का जोखिम

बैंक फिक्स्ड डिपोजिट एक साल से लेकर पांच साल तक की अवधि के लिए होते हैं. लंबे लॉक-इन पीरियड की वजह से लंबी अवधि तक आपको कम ब्याज दर से संतोष करना पड़ता है. पिछले कुछ साल से बैंक लगातार एफडी पर ब्याज घटाते जा रहे हैं.

Published at : 18 Jun 2020 11:30 AM (IST) Tags: FD interest rate Fixed deposit Penalty fixed deposit FD हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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