खरीदने के लिए 3 सबसे अच्छे म्यूचुअल फंड

On a rolling basis, stocks which come in top 80% of total market-cap are considered largecaps, next 15% midcaps and remaining 5% smallcaps. (Total m-cap classification is done on a daily basis).

कम समय के लिए करना है म्युचुअल फंड में निवेश, तो ये हैं 3 बेस्ट ऑप्शन

म्युचुअल फंड सबसे अच्छा शॉर्ट टर्म फंड कौन सा है? में निवेश सबसे ज्यादा फायदे का सौदा माना जाता है. ऐसे में अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं और आपको पता नहीं है कि कौन सा फंड आपके लिए बेहतर होगा, तो चिंता की जरूरत नहीं. हम आपको 6 ऐसे फंड के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से आप अपनी जरूरत के मुताबिक निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. ये फंड आपको न सिर्फ अच्छा रिटर्न देंगे, बल्कि आप सबसे अच्छा शॉर्ट टर्म फंड कौन सा है? इसमें अपनी जरूरत के मुताबिक निवेश भी कर सकेंगे.

म्युचुअल फंड में निवेश

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • (अपडेटेड 20 नवंबर 2017, 1:41 PM IST)

म्युचुअल फंड में निवेश सबसे ज्यादा फायदे का सौदा माना जाता है. ऐसे में अगर आप छोटी अवधि‍ के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो कई विकल्प मौजूद हैं. इनमें से अगर आपको पता नहीं है कि कौन सा फंड आपके लिए बेहतर होगा, तो चिंता की जरूरत सबसे अच्छा शॉर्ट टर्म फंड कौन सा है? नहीं. हम आपको 3 ऐसे फंड के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से आप अपनी जरूरत के मुताबिक निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. ये फंड आपको न सिर्फ अच्छा रिटर्न देंगे, बल्कि आप इसमें अपनी जरूरत के मुताबिक निवेश भी कर सकेंगे.

फंड्सइंडिया में म्युचुअल फंड रि सर्च की उपप्रमुख भावना ने Aajtak.in से बातचीत में ऐसे 3 फंड्स के बारे में बताया है, जो आपको आपकी जरूरत को पूरा करने के लिए बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. यहां आपको फिलहाल सिर्फ डेट फंड्स में निवेश को लेकर जानकारी दे रहे हैं. इनके जरिये आप बैंक की फिक्स्ड डिपोजिट से ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.

डेट फंड्स ट्रेजरी बिल्स और सरकारी बॉन्ड्स के साथ ही कॉरपोरेट बॉन्ड्स में ज्यादातर निवेश करते हैं. आम तौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. अगर आप कम समय के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो ये फंड आपका चुनाव हो सकते हैं. क्योंकि ये कम समय में बेहतर रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं.

ये हैं बेस्ट डेट फंड्स

एचडीएफसी मीडियम टर्म अपॉर्च्यून‍िटी

अगर आप तीन साल तक ही निवेश करना चाहते हैं और इस दौरान फिक्स्ड डिपोजिट से ज्यादा रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, तो यह फंड आपका चुनाव हो सकता है. यह कम जोख‍िम के साथ आपको बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करता है.

9.2 फीसदी तक मिलेगा रिटर्न

एचडीएफसी मीडियम टर्म अपॉर्च्यून‍िटी की बात करें, तो यह आपको 9.1 फीसदी तक रिटर्न (5 साल के निवेश पर ) दे सकता है. वहीं, अब तक की परफॉर्मेंस के आधार पर देखें तो एक साल के निवेश पर इस फंड ने 7.7 फीसदी और तीन साल के निवेश पर 9.2 फीसदी रिटर्न दिया है.

यूटीआई बैंकिंग और पीएसयू डेट

आप एक से दो साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो ये फंड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. यह फंड लघु अवध‍ि की डिपोजिट्स और लघु से मध्यम अवधि के सरकारी बॉन्ड्स में निवेश करता है. दूसरों के मुकाबले यह बेहतर रिटर्न देने वाला साबित हुआ है.

9 फीसदी रिटर्न

इस फंड ने 3 साल के निवेश पर 9.2 फीसदी और एक साल के निवेश पर 8.1 फीसदी का रिटर्न दिया है.

आईसीआईसीआई प्रोड्यूंश‍ियल फ्लेक्ज‍िबल इनकम

6 महीने से लेकर एक साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह फंड आप चुन सकते हैं. यह फंड लघु अवध‍ि के कॉरपोरेट पेपर्स और बैंक डिपोजिट्स में निवेश करता है. इसके अलावा यह ट्र्रेजरी बिल्स में भी निवेश करता है. इस फंड का एक साल का औसत रिटर्न इस कैटेगरी के दूसरे फंड से काफी ज्यादा बेहतर रहा है.

यहां भी मिलेगा बेहतर रिटर्न

इस फंड से 5 साल के निवेश पर 9.1 फीसदी रिटर्न का औसत है. इसके अलावा तीन साल के निवेश पर आपको 8.6 और एक साल के निवेश पर 7.7 फीसदी रिटर्न दिया है. (नोट : तीनों फंड्स के रिटर्न के आंकड़े 23 अक्टूबर, 2017 तक के हैं. एक साल से ऊपर के फंड का रिटर्न सालाना दर के तौर पर लिया गया है.)

ये हैं निवेश के लिए 10 सबसे अच्‍छे म्‍यूचुअल फंड

हमने पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं.

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यह भी मुमकिन है कि जिन स्‍कीमों के नाम बताए जाएं, वे लक्ष्‍यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल न हों. यही देखते हुए हमने टॉप 10 म्यूचुअल फंड स्‍कीमों की एक लिस्‍ट बनाई है. इसमें पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना गया है. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं. हमारा मानना है कि नियमित म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ये पर्याप्त होनी चाहिए.

टॉप 10 स्‍कीमों की लिस्‍ट
1. एक्सिस ब्‍लूचिप फंड
2. मिराए एसेट लार्जकैप फंड
3. पराग पारेख लॉन्‍ग टर्म इक्विटी फंड
4. कोटक स्‍टैंडर्ड मल्‍टीकैप फंड
5. एक्सिस मिडकैप फंड
6. डीएसपी मिडकैप फंड
7. एक्सिस स्‍मॉलकैप फंड
8. एसबीआई स्‍मॉलकैप फंड
9. एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
10. मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड

हालांकि, इन स्‍कीमों में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. पहली बात यह कि हर एक कैटेगरी के बारे में जानें और पता करें कि क्‍या वह आपके निवेश के लक्ष्‍य और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाती है.

एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 65-80 फीसदी इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. बाकी का 20-35 फीसदी उन्हें डेट में निवेश करना होता है. ये पूर्व की बैलेंस्ड या इक्विटी हाइब्रिड स्कीमों की तरह निवेश करती हैं. इक्विटी में कम से कम 65 फीसदी निवेश की सीमा के चलते इन पर इक्विटी स्कीमों की तरह टैक्स लगता है.

इसमें 'एग्रेसिव' शब्द से आपको भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई म्यूचुअल फंड एडवाइजर नए निवेशकों को एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. उनकी दलील होती है कि इक्विटी और डेट का मिलाजुला पोर्टफोलियो उथल-पुथल के दौरान इन्हें स्थिरता देता है.

वहीं, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें बेहद बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. सेबी के वर्गीकरण नियमों के अनुसार, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. चूंकि ये स्कीमें अपेक्षाकृत कम अस्थिर होती हैं. इसलिए इनमें रिटर्न भी सामान्य होता है. ऐसे में लार्जकैप स्कीमों में निवेश करते हुए रिटर्न की अपेक्षाओं को वास्तविक रखने की जरूरत है.

मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं. इनमें बड़े आकार की कंपनी बनने का दमखम होता है. बेशक इनके साथ जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है. लेकन, इनसे अधिक रिटर्न की भी अपेक्षा की जा सकती है. एडवाइजर नए निवेशकों को मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों की सलाह नहीं देते हैं. न ही उन्हें इन स्कीमों में पैसा लगाने को कहा जाता है जो अपने निवेश के साथ ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं.

स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 80 फीसदी छोटी कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. शेयर बाजार में 250वें पायदान के नीचे आने वाली सभी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. इनमें हमेशा सात से 10 साल की लंबी अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए. छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं. इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है. नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है.

मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं. सेबी के नए नियमों के अनुसार, मल्‍टीकैप स्‍कीम को अपने कुल एसेट का कम सबसे अच्छा शॉर्ट टर्म फंड कौन सा है? से कम 75 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्‍ट्रूमेंट में निवेश करना होगा. उनके लिए लार्ज, मिड और स्‍मॉलकैप शेयरों में न्‍यूनतम 25-25 फीसदी निवेश करना अनिवार्य किया गया है.

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काम की बात: बहुत फायदे का सौदा है Mutual Fund, लेकिन इसमें निवेश से पहले सबसे अच्छा शॉर्ट टर्म फंड कौन सा है? ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी

ज्‍यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, इसलिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश से पहले आपको जरूर जान लेनी चाहिए ये 4 बातें.

आज के समय में हर कोई निवेश के वो विकल्‍प ढूंढता है, जिसमें उसे कम समय में बेहतर रिटर्न मिल सके. ऐसे में म्‍यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. बीते कुछ समय में लोगों को इससे काफी अच्‍छा रिटर्न मिला है, यही वजह है किआज ज्‍यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश करके लम्बे समय में काफी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं. अच्‍छी बात ये है कि म्‍यूचुअल फंड को आप 500 से 1000 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. अगर आप भी म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना चुके हैं तो इसमें इनवेस्‍ट करने से पहले कुछ बातों को जरूर जान लें, ताकि बाद में किसी तरह का पछतावा न हो.

जोखिमभरा है म्‍यूचुअल फंड

इस मामले में फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि Mutual Funds को जोखिमभरा माना जाता है क्‍योंकि इसका रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है. हालांकि रिटर्न का जोखिम इस पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है. अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा. वहीं स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा, लेकिन गिरावट में नुकसान की आशंका भी ज्यादा होगी. इस मामले में Fund Manager के अनुभव मददगार साबित होते हैं. वे इसके जोखिम को कम करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के मौके बनाते हैं.


सही म्‍यूचुअल फंड का करें चुनाव

निवेश के लिए सही म्‍यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्‍यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्‍यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्‍य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्‍यूचुअल फंड उपर्युक्‍त सा‍बित होगा. उपर्युक्‍त म्‍यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्‍ट म्‍यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्‍ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.


एक्‍सपेंस रेश्‍यो जरूर देखें

म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्‍सपेंस रेश्‍यो जरूर देख लें. आमतौर पर आपको लगता होगा कि अगर किसी फंड का रिटर्न 15 फीसदी या 18 फीसदी है तो आपको भी निवेश करने पर उतना ही फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं होता क्‍योंकि इसके बीच एक्सपेंस रेश्यो आ जाता है. आपके म्‍यूचुअल फंड को मैनेजमेंट का जो भी खर्च आता है उसे एक्‍सपेंस रेश्‍यो कहा जाता है. किसी भी फंड का एक्सपेंस रेश्यो ही ये तय करता है कि आपको कोई फंड कितना सस्ता मिलेगा. एक्‍सपेंस रेश्‍यो कम या ज्‍यादा होने का असर आपके रिटर्न पर भी पड़ता है.

महंगाई का जोखिम

म्‍यूचुअल फंड पर महंगाई का जोखिम भी होता है क्‍योंकि इसमें लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है. हालांकि आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि यहीं पर आपके फंड मैनेजर का अनुभव भी काम करता है. फंड मैनेजर फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो.

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