फंडामेंटल एनालिसिस के क्या फायदे हैं?

Fundamental Analysis in Hindi | फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस 2022|Share Market Fundamental Analysis In Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको आपको समझाया की Fundamental Analysis Kya Hai, Fundamental Analysis in Hindi, Share market fundamental analysis in hindi, Fundamental Analysis का क्या काम है, क्या Fundamental Analysis करना जरुरी है, Fundamental Analysis में क्या होता है? आदि.

Share Market Fundamental Analysis In Hindi- जब भी हमें भविष्य के लिए 1,2,5 या 10 साल के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने की सोचते है तो सबसे पहले कंपनी का चुनाव फिर उस कंपनी के Fundamental को Analysis किया जाता है. शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सही शेयर को चुनने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है.

Fundamental Analysis में क्या देखा जाता है?

बहुत से ट्रेडर्स को Fundamental Analysis के बारे में पता ही नहीं होता है इसलिए वह लोग मार्किट में नुकसान उठाते है. Fundamental Analysis में कम्पनी के अन्दर की जानकारी को जाना जाता है- कंपनी का बिज़नस कैसा फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस चल रहा है, मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट की कितनी मांग है, कंपनी किस तरह के प्रोडक्ट बनती है, कंपनी कितने loss या profit में चल रही है, कंपनी ने पर कितना कर्ज लिया है? Share Market Fundamental Analysis In Hindi

आदि इन सभी जानकारी को हासिल करके उस कंपनी के शेयर ख़रीदे जाते है जिससे फ्यूचर में फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस अच्छा मुनाफा होता है. Fundamental Analysis में हमें कंपनी यह देखना होता है की जिस कंपनी के शेयर खरीद रह है वह कितने मजबूत है इसकी आर्थिक स्थति क्या है? क्या यह भविष्य में अच्छा मुनाफा दे सकती है या नहीं!

Fundamental Analysis का एक ही उद्देश्य होता है वर्तमान के शेयर को कम कीमत में खरीद कर भविष्य में अधिक कीमत में बेचना होता है. Fundamental Analysis में कंपनी के बिज़नस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट को देखते है बिज़नस प्रदर्शन से ही कंपनी के शेयर की कीमत निर्धारित होती है क्योकि जब कंपनी का बिज़नस आगे बढेगा तभी कंपनी को प्राफिट होगा जिससे भविष्य में शेयर की कीमत बढेगी.

Fundamental Analysis 2 प्रकार के होते है?

  1. Qualitative Analysis
  2. Quantitative Analysis
  3. Qualitive Analysis – Qualitive Analysis में कंपनी क्या बिज़नस कर रही है, बिज़नस मॉडल, मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रोडक्ट और सर्विस फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस आदि जानकारी को Analysis किया जाता है.
  4. Quantitative Analysis Quantitative Analysis में बैलेंस सीट, मुनाफा और नुक्सान स्टेटमेंट, केस फ्लो स्टेटमेंट, इस तरह के रेश्यो को और फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस सेल्स ग्रोथ, प्रॉफिट ग्रोथ आदि को एनालिसिस किया जाता है. Share Market Fundamental Analysis In Hindi

Share Market Fundamental Analysis In Hindi जितने भी पुराने और नय ट्रेडर्स फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस होते वह लोग लम्बे समय के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है. Fundamental Analysis के दोवारा हम अच्छे शेयर को चुनने में मदद मिलती है. इसके दोवारा हम उन शेयर को सर्च कर सकते है जो वर्तमान में डिस्काउंट में मिल रह है.

up trend

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज एक continually उपर की साइड में चल रहा होता हे। मतलब उसका अभी up trend चालू हे ऐसा कहा जाता हे। और उसी ट्रेंड को फॉलो करके टेक्निकल एनयलीसिस ये अंदाजा लगता हे की आगे भी वो इसी ट्रेंड को फॉलो करेंगे। मतलब वो आगे भी उप ही रहेगा लेकिन टेक्नीकल एनलीसिस सिर्फ अंदाजा लगा सकते हे। क्युकी स्टॉक मार्किट में ऐसी कुछ फिक्स स्ट्रैटर्जी नहीं होती।

जिससे हम मार्किट की प्राइज कहा जाएगी ये पता लगा सके टेक्निकल से सिर्फ मूवमेंट पता चलती हे. और इस ट्रेंड को पता लगाने के लिए भी कई सारे टूल होते हे. जैसे की candlestick pattern , indicators , trend lineऐसे बहुत से सरे टूल होते हे जिससे हम सिर्फ शेयर के प्राइज का अंदाजा लगा सकते हे।

down trend ;

ट्रेडिंग फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी स्टॉक का प्राइज नियमित निचे आ रहा हे। तो उसका मतलब स्टॉक का प्राइज डाउन ट्रेंड में हे। और टेक्निकल एनालिसिस को टूल्स से हम ट्रेंड का पता लगा कर हम स्टॉक की फ्यूचर प्राइज का अन्दाज़ा लगा पाते हे।

लेकिन ज्यादा मूवमेंट होने की वजा से न ही ट्रैंड काम आता हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई भी टूल। टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक प्राइज की करंट प्राइज देखके के ट्रेडिंग की जाती हे। और प्रिडिक्ट किया जाता हे की आगे भी शेयर प्राइज उसी तरह रहेगा जैसे कोई भी ट्रेंड में होगा वैसे ही भविष्य में रहेगा।

sideways trend

sideways trend में स्टॉक का प्राइज एक रेंज में रहता एक फिक्स प्राइज के बिच में शेयर का प्राइज अप और डाउन रहता हे।और टेक्निकल एनालिसिस से मार्किट का ट्रेण्ड फॉलो करके स्टॉक की फ्यूचर प्राइज क्या होगी इसका अंदाज़ा लगाया जाता हे। sideways trend में ट्रेडिंग करना बहुत ही मुश्किल होता हे। नाहीं प्राइज ऊपर जाती हे. और नहीं निचे वो एक रेंज में उप डाउन होती रहती हे।

टेक्निकल एनालिसिस से स्टॉक में हम सिर्फ ड्रेडिंग कर सकते हे। ये मतलब हम उससे सिर्फ फ्यूचर मे होने वाले मूवमेंट का अंदाज़ा लगा सकते हे और किसी स्टॉक में हम उसका ट्रेंड को देखकर उसमे ट्रेडिंग कर सकते।

trading क्या होता हे

ट्रेडिंग का मतलब होता हे की सी भी स्टॉक को एक टाइम लिमिट के लिए ख़रीदा और बेचा जा सकता हे. हम दीर्घकाल निवेश (Long Term ) के लिए किसी भी स्टॉक को नहीं रख सकते। उसकी एक टाइम लिमिट होती हे। जिससे किसी स्टॉक में हमें प्रॉफिट या लोस् में हो फिर भी हमें उस हमारी पोजीशन को square off करना पड़ता हे। मतलब हमें उस पोजीशन से एग्जिट होना पड़ता हे नहीं तो ब्रोकर हमें उसकी पेनेल्टी भी लगा देता हे

trading के भी प्रकार होते हे जैसे की day trading , swing trading ,scalping इनका , मतलब हमें कुछ टाइम लिमिट दी जाती हे उसकी मुताबित हम शेयर को खरीद या बीच सकते हे।

Day trading

स्टॉक मार्किट का एक फिक्स टाइमिंग होता हे सुबह ९;१५ को आप ट्रेडिंग कर सकते हे। तो मार्किट के क्लोसिंग (बंद) टाइमिंग ३;२० तक आप ट्रेडिंग कर सकते हे। इसका मतलब आपने ९;१५ को शेयर ख़रीदा तो आपको ३;२०तक उसे बेचना ही होगा। नहीं तो आपका ब्रोकर उसको बेच देता हे आपका फायदा हो या आपका नुकसान ,और आपको उसकी पेनल्टी भी भरनी पड़ती हे।

Share ka fundamental फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस analysis kaise karen

कभी भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पूर्व फंडामेंटल एनालिसिस को समझना अति महत्वपूर्ण होता है। फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट का आधार है। इसके अंतर्गत किसी भी कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच करके शेयर की इन्ट्रिसिक वैल्यू को मापना होता है।

इसके अंतर्गत निवेशक कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच कर कंपनी के शेयर का उचित मूल्य निकालता है तथा इसकी तुलना शेयर के वर्तमान मूल्य के साथ करता है।

इसमें निवेशक देखता है कि अगर शेयर का उचित मूल्य, शेयर के मार्केट मूल्य से ज्यादा है तो शेयर अंडरवैल्यूड होता है इसमें खरीददारी का मौका होता है।

मौलिक विषलेशन मे आप क्या देखते हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी मे मौलिक विषलेशन कहते हैं ।

मौलिक विषलेशन हम देखते हैं –

  • कंपनी की वर्षीक रिपोर्ट (Annual Report)
  • लाभ और हानि खाता (Profit & Loss Statement)
  • तुलन पत्र (Balance Sheet)
  • नकद प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)
  • Financial Ratio analysis
  • Equity Research
  • DCF (Discounted Cash flow)
  • Industry Analysis
  • कंपनी का मैनेजमेंट

इत्यादि चीजे हम मौलिक विषलेशन फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस करते समय देखते हैं ।

(स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे इसकी विस्तार मे जानकारी आने वाले आर्टिकल मे दी जाएगी । )

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिये आप जान पाए होंगे की फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? और उसके फायदे क्या हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस एक जरिया हैं जो की हम किसी कंपनी को जान पते हैं ।

इससे हमें निवेश करने में आसानी होती हैं और हम बड़ी आसानी से निवेश कर पाते हैं ।

इसे हर कोई सिख सकता हैं ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –

1 . फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट मे स्टॉक को एनालिसिस करने का एक तरीका हैं ।

2 . फंडामेंटल एनालिसिस का क्या फायदा हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए शेयर की intrinsic Value यानि की शेयर की वर्तमान कीमत को देखकर भविष्य मे शेयर कैसे प्रदर्शन कर सकता हैं उसकी जानकारी मिलती हैं ।

Share ka fundamental analysis kaise karen

कभी भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पूर्व फंडामेंटल एनालिसिस को समझना अति महत्वपूर्ण होता है। फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट का आधार है। इसके अंतर्गत किसी भी कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच करके शेयर की इन्ट्रिसिक वैल्यू को मापना होता है।

इसके अंतर्गत निवेशक कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच कर कंपनी के शेयर का उचित मूल्य निकालता है तथा इसकी तुलना शेयर के वर्तमान मूल्य के साथ करता है।

इसमें निवेशक देखता है कि अगर शेयर का उचित मूल्य, शेयर के मार्केट मूल्य से ज्यादा है तो शेयर अंडरवैल्यूड होता है इसमें खरीददारी का मौका होता है।

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