रिपोर्ट में कहा गया है ” चाहे कोई इसे पसंद करे या नहीं, लेकिन यह भी सही है कि चीन के साथ भारत पहले से ही मजबूती से जुड़ा है और यह अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति चेन में अंतरनिहित हैं. दोनों देशों के बीच चुनौती यह नहीं है कि कौन किसका स्थान लेगा बल्कि यह है कि वैश्विक आपूर्ति चेन में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किस तरह मिल कर काम किया जाना है.अगर भारत और चीन के व्यापार संबंध गहराने आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप के बजाए धीरे धीरे बजाय कमजोर पड़ते हैं तो यह दोनों देशों के हितों के लिए प्रतिकूल होगा.
लेबनान ने औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती को किया वैध
लेबनान की संसद ने चिकित्सा और औद्योगिक उपयोग के लिए भांग की खेती (cannabis) आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप को वैध करने का कानून पास किया आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप है। इससे पहले लेबनान में भांग की खेती करना अवैध था लेकिन अब इस कानून के पास होने के बाद देश में भांग की खेती नियमित की जा सकेगी। कैनबिस की खेती को वैध बनाने से उच्च मूल्य वर्धित औषधीय उत्पादों के उत्पादन की उम्मीद है। यह खेती लेबनानी की अर्थव्यवस्था के लिए संभावित आकर्षक निर्यात भी है क्योंकि लेबनान इस समय वित्तीय संकट से जूझ रहा है जिसे विदेशी मुद्रा जुटाने की सख्त जरूरत है।
इस तरह लेबनान द्वारा भांग की खेती को वैध बनाने से सरकार के राजस्व के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भारत में आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़ा, आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप लगातार 5वें सप्ताह इजाफा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 2.आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप 9 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पहुंच गया। यह विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह बढ़ोतरी है। इससे पिछले सप्ताह में भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पहुंचा था।
आरबीआई के शुक्रवार आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप को जारी आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य सप्ताह में विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पहुंच गई। हालांकि, स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश की आरक्षित स्थिति भी 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर पहुंच गई। इससे पहले अक्तूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 645 अरब डॉलर था।
क्रिप्टोकरेंसी पर किया व्यापार तो होगी 10 साल की जेल, सरकार लाएगी डिजिटल करेंसी
Edited by: IANS
Published on: June 08, 2019 16:07 IST
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉयन को रखने, बेचने या खरीदने पर आपको 10 सालों की जेल की सजा हो सकती है। 'क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और नियमन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक 2019' के मसौदे में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग, जेनरेट, रखने, बेचने, हस्तांतरित, नष्ट करने, जारी करने और सौदा करने आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप में लिप्त व्यक्ति को 10 साल जेल का प्रस्ताव दिया गया है।
इसे पूरी तरह से आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप अवैध बनाने के अलावा विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होती है, जो सुरक्षा के क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग करती है आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप और सामान्यत: ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होती है। बिटकॉयन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है।
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ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है इन लोगों की राजनीतिक सोच चाहे कुछ भी हो, लेकिन चीन को भारत के दुश्मन के तौर पर मानना यह विकल्प तो नहीं होना चाहिए और न ही यह सोच होनी चाहिए कि भारत के लिए यह वहनीय नहीं है. दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाना ही उचित विकल्प है.
इसमें कहा गया है भारत को चीन के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करने की लंबे समय से उम्मीद है लेकिन भारत के लिए चीनी आयात को कम करने से द्विपक्षीय व्यापार को अधिक संतुलित बनाना आसान नही होगा. ऐसा करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को ही नुकसान होगा. इसके अलावा चीन को भारत से अपने आयात को और बढ़ाना ही सही कदम है और इस आरबीआई ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार ऐप संबंध में दोनों देशों के बीच समन्वय के लिए काफी गुंजायश है तथा यह दोनों के बीच संयुक्त प्रयास होना चाहिए.
ग्लोबल टाइम्स ने कहा है “दोनों देशों के बीच रिकार्ड कारोबार उनकी आर्थिक पूरकताओं और द्विपक्षीय संबंधों में मजबूत लचीलेपन का सबसे बेहतर प्रमाण है. इसके अलावा भारत ने कम दामों में चीनी उत्पादों का आयात करके अधिक विदेशी मुद्रा भंडार को बचाया है और पूंजी दक्षता को भी बढ़ाया है. इसके अलावा चीन से भारी मात्रा में चीनी मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स सामानों का आयात और देश के स्मार्टफोन क्षेत्र में चीनी निवेश ने भारतीय लोगों की जरूरतों को पूरा किया है और अन्य देशों में भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिला है.”
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