विदेशी मुद्रा भंडार पर कोरोना का असर, 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट
इसका सबसे बड़ा नुकसान देश की इकोनॉमी को होगा. दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सके.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 मार्च 2020,विदेशी मुद्रा भंडार में कमी
- (अपडेटेड 28 मार्च 2020, 11:35 AM IST)
- विदेशी मुद्रा भंडार 469.909 अरब डॉलर रह गया है
- छह महीनों में पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार में कमी
- यह साल 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है
कोरोना वायरस की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी पस्त नजर आ रही है. इस वायरस ने भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को भी प्रभावित किया है. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 20 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.98 अरब डॉलर की भारी गिरावट आई और यह 469.909 अरब डॉलर रह गया है.
यह साल 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं बीते छह महीनों में पहली बार है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. इससे पहले 20 सितंबर 2019 को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में कमी में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी. तब यह 38.8 करोड़ डॉलर घटकर 428.58 अरब डॉलर रह गया था. बता दें कि बीते 6 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशीमुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर बढ़कर 487.23 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था.
दरअसल, तेजी से फैलते कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशकों का भरोसा कम हुआ है और ऐसे में पैसे की निकासी के आंकड़े बढ़ गए हैं. इस वजह से 23 मार्च को रुपया 76.15 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न विदेशी मुद्रा भंडार में कमी स्तर को छू गया था.
हालांकि, कोरोना वायरस के वित्तीय प्रभावों को कम करने के लिए सरकार की ओर से तमाम कदम उठाए गए हैं. ऐसे में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे की मजबूती के साथ 74.89 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
विदेशी मुद्रा भंडार कम होने के मायने
इसका सबसे बड़ा नुकसान देश की इकोनॉमी को होगा. दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सके.
यह भंडार एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखे जाते हैं. आमतौर पर भंडार डॉलर या यूरो में रखा जाता है. बता दें कि आरबीआई साप्ताहिक आधार पर इसके आंकड़े पेश करता है.
लगातार 7वें हफ्ते घटा विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार में भी आई कमी
नईदिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 7वें हफ्ते गिरावट दर्ज हुई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.271 अरब डॉलर घटकर 600.423 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार में कमी रह गया। इससे पहले 15 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 31.1 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अप्रैल, 2022 को समाप्त हफ्ते में 31.1 करोड़ डॉलर घटकर 603.694 अरब डॉलर रह गया था, जबकि 8 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में यह 2.471 अरब डॉलर घटकर 604.004 अरब डॉलर था। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) घटने की वजह से आई है, जो कि कुल मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अहम हिस्सा होती है। 22 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में एफसीए 2.835 अरब डॉलर घटकर 533.933 अरब डॉलर पर आ गया।
गोल्ड रिजर्व भी घटा -
आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के साथ स्वर्ण भंडार इस दौरान 3.77 करोड डॉलर घटकर 42.768 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.662 अरब डॉलर रह गया, जबकि आईएमएफ के पास मौजूद देश का मुद्रा भंडार 2.6 करोड़ डॉलर घटकर 5.060 अरब डॉलर रह गया है। उल्लेखनीय है कि डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखी जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 257