शेयर मार्केट में लगातार निवेश ही सबसे अच्छी रणनीति है.

Investment Tips: यूएस शेयर बाजार में लगाना चाहते हैं पैसा, जानें क्या है निवेश प्रक्रिया

Finance Tips: विदेशी बाजार में निवेश शेयर बाजार में पैसा कैसे निवेश करे? की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.

By: ABP Live | Updated at : 27 Nov 2021 10:57 PM (शेयर बाजार में पैसा कैसे निवेश करे? IST)

US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं. इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का उन्हें दिया गया है. इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.

विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं

वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.

यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

कीमत नहीं है बाधा

अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.

बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Published at : 27 Nov 2021 10:57 PM (IST) Tags: US stock market How to Invest in US Stock Market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

शेयर बाजार की वो गलती…जिससे डूब जाती है आम आदमी की पूरी रकम

Stock Market Tips-शेयर बाजार में कई बार पैसा लगाने वालों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है. क्योंकि अक्सर कुछ गलतियां लोगों की पूरी कमाई को डूबो देती है.

शेयर बाजार की वो गलती. जिससे डूब जाती है आम आदमी की पूरी रकम

सोशल मीडिया पर मिली एक स्टॉक टिप (Stock Market Tips)ने रजत के लाखों रुपये डुबो दिए हैं. आप सोच रहे होंगे कि शायद उनके साथ कोई ऑनलाइन फ्रॉड हुआ होगा, लेकिन, ऐसा नहीं है रजत तो शेयर बाजार (Share Bazaar) में ऊंचा रिटर्न कमाने के चक्कर में बर्बाद हो गए. अब पूरी कहानी आप भी जानना चाहते होंगे तो हुआ दरअसल यूं कि शेयर बाजार में तेजी से मोटा मुनाफा कूटने के लिए रजत भी बेकरार थे. वे बस इस इंतजार में थे कि स्टॉक्स (Stocks) की कंही से कोई ऐसी टिप मिले कि वे पैसा लगाएं और पूंजी धड़ाधड़ दोगुनी-तिगुनी हो जाए. रजत के दिमाग में अभी खलबली चल ही रही थी कि किसी ने एक व्हॉट्सऐप ग्रुप पर उन्हें जोड़ लिया और इस ग्रुप में एक स्टॉक में पैसा लगाने की राय दी गई. मोटे मुनाफे का पूरा गणित बता शेयर बाजार में पैसा कैसे निवेश करे? दिया गया.बस रजत ने आगापीछा सोचे बगैर झोंक दी मोटी पूंजी और बैठ गए कि अब होगा पैसा डबल, लेकिन ऐसा हुआ नहीं एक-दो दिन चढ़ने के बाद स्टॉक बुरी तरह गिरने लगा.

रजत की लगाई पूंजी का 80 फीसदी हिस्सा खत्म हो चुका है तो इससे ये सबक मिलता है कि बिना जांचे-परखे सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाली टिप्स पर पैसा न लगाएं, लेकिन तमाम लोग इन हथकड़ों का शिकार हो जाते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाजार की कम जानकारी होती है.

सेबी ने 6 लोगों को प्रतिबंधित किया

शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने हाल में ही एक ऐसा मामला पकड़ा है जिसमें कुछ लोग अपने फायदे के लिए सोशल मीडिया के जरिए लोगों का पैसा शेयर बाजार में फंसाते थे. सेबी ने इस मामले में 6 लोगों को पूंजी बाजार में प्रतिबंधित भी कर दिया है.

सेबी ने जिस मामले में यह कार्रवाई की है, उसे लेकर जुलाई और अक्टूबर में शिकायत मिली थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाने के लिए ट्विटर और टेलीग्राम पर सलाह देकर शेयरों की कीमतों को बनावटी तौर पर प्रभावित कर रहे हैं तो आप समझ लीजिए कि कुछ इस तरह से आपको चूना लगाने की तैयारी होती है.

मोटे मुनाफे के नाम पर आपका पैसा डुबोने वाले लोग छोटी-छोटी कंपनियों को चुनकर उनके शेयरों को बड़ी मात्रा में खरीदने की सोशल मीडिया के जरिए सलाह देते हैं.

आमतौर पर सोशल मीडिया पर सलाह देने से पहले ये लोग कंपनी के शेयर खुद खरीदकर रख लेते हैं और सोशल मीडिया पर सलाह के बाद जब शेयर भागता था तो मुनाफा बटोर अपने शेयर बेचकर निकल जाते हैं.

इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, ईमेल, ट्विटर, फेसबुक जैसे हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह से ठगी का मायाजाल चलाया जा रहा है.

आपके पैसे के साथ खिलवाड़ करने वाले ये लोग अपने यहां एनालिस्ट्स और रिसर्चर्स के होने का भी दावा करते हैं..बस लोग यहीं फंस जाते हैं. झटपट पैसा कमाने के लालच में तमाम निवेशक इनके झांसे में फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई डुबा बैठते हैं.

बाजार के जानकार आम निवेशकों को इस तरह के लोगों से बचने की सलाह दे रहे हैं जो अपने फायदे के लिए किसी और को फंसा देते हैं. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह का कहना है कि महामारी के दौर में शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा है और कई लोग खुद को मार्केट एक्सपर्ट मानने लगे है.

ऐसे ही कुछ तथाकथित मार्केट एक्सपर्ट जो सेबी में रजिस्टर भी नहीं हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को शेयर खरीदने या बेचने का ज्ञान दे रहे हैं. कुछ लोग शेयर बाजार में पैसा कैसे निवेश करे? तो अपने फायदे के लिए निवेशकों को ठग रहे हैं.

निवेशक भी मुनाफा चूकने के डर से ऐसे लोगों के झांसे में फंसकर नुकसान उठा रहे हैं. निवेशकों को ठगने वालों के खिलाफ सेबी तो कार्रवाई कर ही रहा है लेकिन निवेशकों को भी सावधान रहने की जरूरत है.

मनी 9 की भी यही सलाह है, लालच में आकर ऐसे लोगों के जाल में न फंसें जो अपने फायदे के लिए आपका पैसा मार्केट में फंसा दें. सोशल मीडिया से मिली सलाह पर शेयर बाजार में पैसा लगाना भी ठीक नहीं है. पैसा लगाने से पहले या तो निवेशक खुद रिसर्च करें या सेबी से मान्यता प्राप्त सलाहकार की मदद लें.

Investment Tips : शेयर बाजार जब नई ऊंचाइयों के आसपास हो तो क्या करें? गिरावट का इंतजार या जारी रखें निवेश?

अगर आप एक रिटेल निवेशक हैं तो SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के जरिये निवेश करें. चाहे म्यूचुअल फंड (Mutual funds) या फिर सीधे शेयरों (Stock Market) में निवेश, यह रणनीति बेहद कारगर है.

Investment Tips : शेयर बाजार जब नई ऊंचाइयों के आसपास हो तो क्या करें? गिरावट का इंतजार या जारी रखें निवेश?

शेयर मार्केट में लगातार निवेश ही सबसे अच्छी रणनीति है.

Investment Tips for Share Market : पिछले साल 23 मार्च ( 23 मार्च 2020) को भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मच गया था. कोरोना की मार की वजह से सेंसेक्स ( Sensex) लगभग 3940 प्वाइंट गिर 25,981 पर पहुंच गया था और निफ्टी-50 (Nifty 50) 1,135 प्वाइंट गिर कर 7,160 की तलहटी पर जा पहुंचा था. दोनों इंडेक्स में 13-13 फीसदी की गिरावट ने निवेशकों को लगभग कंगाल बना दिया था . शेयर बाजार के निवेशकों ने अकेले उसी दिन लगभग 14 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. जबकि इसके पहले पूरे महीनों में उन्होंने 56 लाख करोड़ गवांए थे. लेकिन मार्केट (Stock Market) आज फिर बुलंदी पर है. किसी को अंदाजा नहीं था कि सेंसेक्स इतनी जल्दी 53,800 की नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा. पिछले दो दिन में सेंसेक्स 900 प्वाइंट चढ़ चुका है. सवाल यह है कि जब बाजार पर ऊंचाई पर हो तो इसमें घुसा जाए या फिर करेक्शन का इंतजार किया जाए. निवेशकों के लिए यह सवाल बड़ा पेचीदा है.

अमूमन निवेशक शेयर खरीदते समय PE वैल्यू ( PE Value) को देखते हैं. इस वक्त यह काफी महंगा है. निफ्टी-50 (Nifty-50) का PE इस वक्त 21.3 है, जो काफी महंगा लग रहा है. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे इकोनॉमी कोविड (Covid-19) की पकड़ से बाहर आएगी और कॉरपोरेट अर्निंग बढ़ेगी PE सस्ता हो जाएगा. यानी निवेशक सही वैल्यूएशन पर शेयर खरीद सकेंगे. लेकिन यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कंपनियों की कमाई कब बढ़ेगी. बेहतर तरीके से निवेश का कोई रामबाण नुस्खा नहीं है लेकिन कुछ ऐसे फॉर्मूले हैं, जिन्हें अपना कर निवेशक शेयर बाजार में खुद को एक अच्छी स्थिति में ला सकते हैं.

1.निवेश करना जारी रखें

जनवरी, 2020 में शेयर मार्केट (Share Market) ऊंचाई पर था और दो महीने में ही यह तलहटी पर पहुंच गया. उस दौरान भी जब मार्केट ऊंचाइयों पर था तो निवेशक इसमें एंट्री करने का साहस नहीं कर पा रहे थे. 23 मार्च 2020 को भी जब मार्केट क्रैश कर गया तो निवेशकों को लगा कि इसमें और गिरावट आएगी तब एंट्री करेंगे.

शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो ये 7 बातें आपको जरूर जाननी चाहिए

इक्विटी में निवेश किसी कारोबार के भविष्य में पैसा लगाना है.

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शेयर में निवेश की एक सच्चाई है. बेशक इसमें बहुत पैसा बना सकते हैं. लेकिन, सनक में ट्रेडिंग से भला नहीं होता है. इससे कोई अमीर नहीं बना है. किस्मत बहुत मेहरबान हो तो नहीं कहा जा सकता है. लेकिन, जो तरकीब फायदा उठाने के लिए फिर काम न आए तो वह भी बेकार है.

शेयरों में निवेश की जुए से तुलना भी गलत है. यह पैसे को बढ़ाने का बिल्कुल वैध तरीका है. सवाल उठता है कि एक सामान्य निवेशक को शेयरों में निवेश करते हुए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

पहला, इक्विटी में निवेश किसी कारोबार के भविष्य में पैसा लगाना है. तमाम विशेषज्ञता के बावजूद कोई दावे से नहीं कह सकता कि कौन-सा कारोबार सफल होगा और किसे विफलता मिलेगी. इसी से आपके निवेश के लिए जोखिम बनता है. जब हम किसी अनजान जगह हाथ डालते हैं तो घबराहट लाजिमी है.

दूसरा, आप कई बार सुनते होंगे कि कैसे किसी ने कौड़ियों के भाव पर शेयर खरीदे और आज कैसे वह लाखों-करोड़ों की रकम पर बैठा है. यकीन मानिए यह सिक्के का सिर्फ एक पहलू है. आपको वह निवेशक ही बता पाएगा कि उसने क्या-क्या पापड़ बेले और उसके लिए एक मुकाम तक पहुंचने का सफर कितने रोड़ों से भरा रहा. एक सफल कहानी के पीछे सौ असलताएं होती हैं. इनकी कोई बात नहीं करता है.

तीसरा, शेयर को चुनने का कोई आसान तरीका नहीं है. इसमें कई बातें काम करती हैं. कोई नहीं कह सकता कि किस बात को ज्यादा तवज्जो मिल जाएगी और किसकी अनदेखी होगी. सालों के अनुभव के बाद लोग कुछ बातों के आधार पर तेजी और नरमी की संभावना जताने लगते हैं. लेकिन, वे भी हमेशा सही साबित नहीं होते हैं. इन एक्सपर्ट को भी पता होता है कि वे गलत हो सकते हैं. यही वजह है कि वे विनम्रता के साथ इस चीज को स्वीकारते हैं. इस तरह की सभी टिप्स की अनदेखी करें जो मुफ्त में दी जाती हैं.

चौथा, शेयर को खरीदने का फैसला कठिन होता है. चुनने के लिए शेयरों की भरमार है. कोई नहीं जानता कि किस शेयर को पंख लग जाएं. सभी ने अपने-अपने तरीके बना रखे हैं. स्टॉक ट्रेडर प्राइस टार्गेट रखते हैं. शॉर्ट-टर्म इंवेस्टर टाइम फ्रेम रखते हैं. वैल्यू इंवेस्टर सेफ्टी का मार्जिन रखते हैं. लिस्ट लंबी है. कुल मिलाकर खरीदारी अनुशासन के अधीन है. एक निवेशक को पता होना चाहिए कि उसने कोई शेयर क्यों लिया है.

पांचवां, सूचनाओं तक पहुंच की कमी के कारण सामान्य निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है. ब्रोकिंग हाउस डेटाबेस खरीदते हैं. रिसर्च करते हैं. अपने यहां कुशल लोगों को नौकरी पर रखते हैं. शेयरों को ट्रैक करते हैं और रिपोर्ट बेचते हैं. सामान्य निवेशकों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर निर्भर रहना पड़ता है. ऑनलाइन चैट और टीवी के कार्यक्रमों को रिसर्च समझने की भूल नहीं करनी चाहिए.

छठा, एक दांव लगाकर पैसा नहीं बनाया जा सकता है. हर कोई बिल गेट्स या जेफ बेजोस नहीं बना सकता है. हममें से ज्यादातर के पास एक ही बिजनेस में अपना सब कुछ लगा देने की हिम्मत नहीं होती है. हम सभी कई शेयरों में निवेश करते हैं. यही करना भी चाहिए. किस तरह का पोर्टफोलियो बन रहा है, इस पर फोकस बनाकर रखना चाहिए.

सातवां, जब आपको भविष्य का पता नहीं होता है. आप शेयर को पूरी जानकारी के अभाव में खरीते हैं. फिर वह अच्छा परफॉर्म नहीं करता है. तो, अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए. सही शेयरों को चुनने से ही पैसा नहीं बनाया जाता है. आपको यह भी पता होना चाहिए कि किस निवेश रणनीति ने आपको नुकसान कराया. कई लोग खराब शेयर को उसके बढ़ने की उम्मीद लगाकर रोके रखते हैं. यही नहीं, और पैसा भी लगा देते हैं. जो लोग अपनी गलती नहीं मानते हैं, उन्हें शेयरों में निवेश में भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

शेयरों का डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो अच्छा है. इनमें वे शेयर होने चाहिए जिनमें भविष्य में बढ़ने की क्षमता दिखती हो. ऐसा नहीं होने पर इन शेयरों को बदल देना चाहिए. तभी आप बढ़िया रिटर्न की अपेक्षा कर सकते हैं.

इंडेक्स ईटीएफ में निवेश अच्छा है और सस्ता भी. दुनिया में आज सबसे अमीर लोग शेयर निवेशक हैं. आप भी पीछे मत रह जाइए.

(लेखिका सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग की चेयरपर्सन हैं.)

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