अपनी साइट पर विज्ञापनों से कमाई करने का तरीका जानना चाहते हैं? Google AdSense आज़माएं
विज्ञापनों से पैसे कमाने के कई तरीके हैं. अगर आप Google की मदद से पैसे कमाना चाहते हैं, तो हम आपको अपनी साइट पर AdSense को आज़माने का सुझाव देते हैं. यहां बताया गया है कि शुरुआत करने के लिए आपको क्या जानने की ज़रूरत है.
क्या आपको पता है कि Google AdSense की मदद से कई तरीकों से पैसे कमाए जा सकते हैं? क्या आपने ऐसे कई मौके छोड़े हैं जिनकी मदद से आप Google से कमाई कर सकते हैं? अगर आप Google AdSense से ज़्यादा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं, तो कमाई करने के AdSense के इन तरीकों पर ज़रूर नज़र डालें.
1. Google AdSense के लिए सही तरह क्या मुझे डॉलर में निवेश करना चाहिए की वेबसाइट बनाएं.
अगर बात Google AdSense से पैसे कमाने की हो, तो कुछ खास तरह की साइटें बेहतरीन काम करती हैं. AdSense से पैसे कमाने के लिए आपको दो बातों पर ध्यान देना चाहिए. पहली बात, आपकी साइट पर अच्छी सामग्री हो और दूसरी बात, साइट पर ज़्यादा ट्रैफ़िक हो.
सामग्री दो तरह की होती है. एक तरह की सामग्री ऐसी होती है जो रोज़ाना नए लोगों को आपकी साइट पर लाती है. दूसरी तरह की सामग्री वह है जो आपकी साइट पर पहले आ चुके लोगों को वापस लाती है. आपको इन दोनों तरह की सामग्रियों में अच्छा संतुलन बनाना होगा. इस तरह आपकी साइट पर नया ट्रैफ़िक आता रहेगा. साथ ही, आने वाले ट्रैफ़िक का बड़ा हिस्सा आपकी साइट पर दोबारा आना पसंद करेगा.
ऐसी साइटें जिनकी सामग्री नए और दोबारा आने वाले लोगों का ध्यान खींचने के लिए बिल्कुल सही है:
- ब्लॉग साइट
- समाचार साइट
- फ़ोरम और चर्चा बोर्ड
- खास सोशल नेटवर्क
- मुफ़्त ऑनलाइन टूल
ऐसा नहीं है कि आप सिर्फ़ इस तरह की साइटें ही बना सकते हैं. लेकिन, ऐसी साइटों को अच्छी सामग्री के साथ आसानी से ऑप्टिमाइज़ किया जा सकता है और प्रचार किया जा सकता है. इनके लिए ऐसा लेआउट ढूंढना आसान होता है जो सामग्री दिखाने और आपके Google AdSense विज्ञापनों को क्लिक दिलवाने, दोनों के लिए अच्छी तरह काम करता है.
2. अलग-अलग तरह की विज्ञापन यूनिट का इस्तेमाल करें.
अलग-अलग कंपनियां जब विज्ञापन देने वाले से विज्ञापन बनवाती हैं, तो अलग-अलग विज्ञापन स्टाइल का इस्तेमाल करती हैं - Google AdWords. कंपनियों के पास टेक्स्ट पर आधारित सरल विज्ञापन, इमेज वाले विज्ञापन, और वीडियो विज्ञापन बनाने के विकल्प होते हैं.
विज्ञापन देने वालों के पास अलग-अलग फ़ॉर्मैट के विज्ञापन बनाने का विकल्प होता है. इसलिए, आपको साइट पर अलग-अलग विज्ञापन यूनिट का इस्तेमाल करके, दर्शकों को उन विज्ञापन देने वालों से जुड़ने का मौका देना चाहिए जिनके विज्ञापन पर क्लिक होने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है.
अलग-अलग तरह के विज्ञापनों के लिए जगह तय करते समय आपको उपयोगकर्ता अनुभव को ध्यान में रखना चाहिए. आपके पेज पर विज्ञापनों से ज़्यादा सामग्री होनी चाहिए. अपनी साइट पर आंकड़ों, विज्ञापन की सही जगह, और विज्ञापन की स्टाइल की जांच करने के लिए Google Analytics का इस्तेमाल करें. इससे आपको पता चलेगा कि आपकी साइट और उस पर आने वालों के लिए क्या बेहतर है.
3. AdSense कस्टम खोज विज्ञापन का इस्तेमाल करें.
अगर आपकी साइट पर बहुत ज़्यादा सामग्री (जैसे ब्लॉग, समाचार फ़ोरम) है, तो आप साइट पर AdSense कस्टम खोज का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह आपकी साइट पर किसी खास सामग्री को ढूंढने में उपयोगकर्ताओं की मदद करेगा और उनके अनुभव को बेहतर बनाएगा. साथ ही, साइट पर खोज के नतीजों के साथ विज्ञापन दिखाकर, यह Google AdSense से होने वाली कमाई को भी बढ़ाएगा.
ध्यान दें कि AdSense Custom Search, Google Custom Search से अलग है. अपनी साइट पर AdSense Custom Search पाने के लिए आपको आवेदन करना होगा. इसके बाद ही आप अपनी साइट पर खोज करने वालों से कमाई कर पाएंगे.
4. YouTube पर Google AdSense की मदद से कमाई करें.
Google AdSense का इस्तेमाल सिर्फ़ वही लोग नहीं कर सकते जो टेक्स्ट पर आधारित कॉन्टेंट या मुफ़्त ऑनलाइन टूल बनाते हैं. अगर आपको अच्छे वीडियो बनाने आते हैं, तो खुद के YouTube चैनल से YouTube पर अपने खास वीडियो प्रकाशित करना शुरू करें.
अपने चैनल को स्थापित करने के बाद, आप अपने YouTube चैनल के सुविधाएं सेक्शन में जाकर 'कमाई करना' विकल्प को चालू कर सकते हैं. यहां आपको अपने YouTube चैनल को अपने AdSense खाते से लिंक करने के निर्देश दिखाई देंगे. इन्हें पूरा करके आप अपने वीडियो से कमाई करना शुरू कर सकते हैं.
अपने YouTube चैनल को अपने AdSense खाते से लिंक करने के बाद, आप वह वीडियो चुन सकते हैं जिससे आप कमाई करना चाहते हैं. साथ क्या मुझे डॉलर में निवेश करना चाहिए ही, यह भी तय कर सकते हैं कि आप वीडियो देखने वालों को किस तरह के विज्ञापन दिखाना चाहते हैं. इसके लिए, बस अपने वीडियो मैनेजर में जाकर उस वीडियो को चुनें जिससे आप कमाई करना चाहते हैं. फिर, उस वीडियो की विज्ञापन की सेटिंग चुनें.
उसके बाद, आप कभी भी वीडियो मैनेजर को ब्राउज़ करके कमाई करने के लिए चुने गए वीडियो देख सकते हैं (उनके बगल में हरे डॉलर का चिह्न होगा) और उनकी सेटिंग प्रबंधित कर सकते हैं.
Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब
पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)
दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)
यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)
अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.
1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.
2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)
3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.
4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)
5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर क्या मुझे डॉलर में निवेश करना चाहिए करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.
6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)
7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)
क्या होता है IPO और कैसे करें इसमें निवेश, जानिए
शेयर बाजार में आपको दिलचस्पी है तो ये शो आपके लिए ही है. आपने अक्सर शेयर बाजार में आईपीओ का जिक्र सूना होगा. शेयर बाजार के इतिहास में ऐसे कई आईपीओ आए हैं जिसमें निवेश कर लोगों ने करोड़ों रुपए कमाए हैं लेकिन कई आईपीओ ऐसे भी आए जिसमें निवेशकों को भारी नुकसान हुआ.
If you are interested in share market then this show is for you only. You must have often heard the mention of IPO in the stock market. In the history of stock market, there have been many such IPOs in which people have earned crores of rupees by investing, but many such IPOs have also come in which investors have suffered huge losses.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
यह भी पढ़ें
अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, क्या मुझे डॉलर में निवेश करना चाहिए सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स क्या मुझे डॉलर में निवेश करना चाहिए और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
भारत क्यों है 1 खरब डॉलर का निवेश चुंबक
शेयर बाजार 11 सितंबर 2022 ,16:15
© Reuters. भारत क्यों है 1 खरब डॉलर का निवेश चुंबक
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
जैसा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था, भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। भारत की विकास दर दुनिया में सबसे तेज है, खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी आई है, बफर खाद्य भंडार प्रचुर मात्रा में है, विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है और चालू खाता घाटा स्थायी स्तरों के भीतर अच्छी तरह से रहने की उम्मीद है।घरेलू खपत मजबूत वापसी कर रही है, जो परंपरागत रूप से भारत के आर्थिक विकास के मुख्य चालकों में से एक है। यह सभी आकार के व्यवसायों के लिए अच्छी खबर है। सीधे शब्दों में कहें, जब उपभोक्ता अधिक खर्च करते हैं, तो व्यवसायों के पास निवेश करने के लिए अधिक पूंजी होती है, और पूरे सिस्टम में बढ़ी हुई तरलता पूरक क्षेत्रों और उच्च अंत वस्तुओं और सेवाओं को सक्रिय करती है।
लेकिन घरेलू खपत में इस उछाल का क्या महत्व है?
पहला, जैसे-जैसे त्योहारी सीजन नजदीक आ रहा है, यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है। अगस्त और नवंबर के बीच जब दोपहिया वाहनों से लेकर रियल एस्टेट तक हर चीज की बिक्री अपने चरम पर होती है, भारतीय उपभोक्ता अधिक खर्च करते हैं। खपत में कितनी तेजी से सुधार हुआ है, इसे देखते हुए अगली तीन तिमाहियों के आंकड़े और भी बेहतर होने की संभावना है।
बेहतर या बदतर के लिए मांग भारत के विकास की कहानी को आगे बढ़ा रही है। एक सामान्य वित्तीय वर्ष में निजी व्यय कुल राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 55 प्रतिशत होता है। इसके अलावा, अगले प्रमुख विकास चालक, सकल स्थिर पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो व्यवसायों द्वारा निवेश किए गए धन के लिए जिम्मेदार है। नतीजतन, मजबूत घरेलू खपत अनजाने में मजबूत आर्थिक विकास में तब्दील हो जाती है।
तीसरा, बढ़ती घरेलू खपत उद्योगों में वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बढ़ावा देगी, विशेष रूप से उन उद्योगों में जिनमें विवेकाधीन या विलासिता खर्च की महत्वपूर्ण मात्रा शामिल है। प्रीमियमकरण प्रवृत्तियों से प्रभावित उत्पाद खंड बाद वाले में शामिल हैं। इनमें चॉकलेट और मादक पेय से लेकर लैपटॉप और हेडफोन, साथ ही कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन तक सब कुछ शामिल है। कुछ श्रेणियों में, जैसे ऑटोमोबाइल, प्रीमियम उत्पादों की मांग ने प्रवेश स्तर के वेरिएंट की मांग को पीछे छोड़ दिया है। उदाहरण के लिए वित्तवर्ष 2012 में प्रीमियम कारों की बिक्री में साल दर साल 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कम कीमत वाली कारों की बिक्री में केवल 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारत में लग्जरी खर्च क्यों बढ़ रहा है?
बढ़ती उपभोक्ता आय और क्रय शक्ति इसे सहायता कर रही है : औसत प्रति व्यक्ति आय पहले ही 2,000 डॉलर को पार कर चुकी है और 2047 तक 12,000 डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स क्षेत्र और डिजिटल लेनदेन के तेजी से विकास ने लक्जरी बाजार में ग्राहकों की पहुंच बढ़ा दी है। इसके अलावा, चूंकि उपभोक्ता अधिक मूल्य- और अनुकूलन-उन्मुख हो गए हैं, जो पहले एचएनडब्ल्यूआई के प्रभुत्व में थे, प्रीमियम सेगमेंट तेजी से विविधीकरण कर रहे हैं, जिसमें मिलेनियल्स और गैर-मेट्रो उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है।
रिमोट और हाइब्रिड वर्किं ग मॉडल के प्रसार के कारण एचएनआई और एनआरआई ग्राहकों के विशिष्ट समूह ने कुछ क्षेत्रों में समृद्ध मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को शामिल करने के लिए विस्तार किया है, विशेष रूप से लक्जरी आवास।
इसके अलावा, प्रीमियम उत्पाद स्थान अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में है और काफी हद तक अप्रयुक्त है। नतीजतन, बाजार सहभागियों के पास कई अवसर हैं। उदाहरण के लिए, जहां भारतीय स्मार्टफोन बाजार में साल दर साल पहली छमाही में 1 फीसदी की गिरावट आई, वहीं प्रीमियम सेगमेंट में 83 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि, इस सेगमेंट की कुल स्मार्टफोन बाजार में सिर्फ 6 फीसदी हिस्सेदारी है।
जैसे-जैसे घरेलू खपत में वृद्धि जारी है, अन्य क्षेत्रों में प्रीमियमकरण के रुझान को बढ़ावा मिलेगा, त्वरित सेवा वाले रेस्तरां (क्यूएसआर) और घरेलू उत्पादों से लेकर आतिथ्य और स्वास्थ्य सेवा तक। ऐसा पहले भी हो चुका है।
जून नी और एंड्रयू पामर के पेपर कंज्यूमर स्पेंडिंग इन चाइना : द पास्ट एंड द फ्यूचर के अनुसार, 2000 और 2015 के बीच चीन में घरेलू खर्च में तीन गुना वृद्धि के साथ परिवहन और संचार सेवाओं पर खर्च में सात गुना वृद्धि हुई थी।
तो, निवेशकों को निवेश के अवसर कहां मिल सकते हैं?
विवेकाधीन खपत और प्रीमियमीकरण वृद्धि के अनुपातहीन हिस्से के लिए जिम्मेदार होगा।
आतिथ्य और पर्यटन खिलाड़ियों को हवाई यात्रा बढ़ने, शीर्ष स्तरीय होटलों और रिसॉर्ट्स की बढ़ती मांग से लाभ होगा।
प्रीमियम कार मॉडल के लिए ऑटोमोटिव उद्योग के ग्राहक अधिक विविध हो जाएंगे, विशेष रूप से ईवी क्रांति के कर्षण के रूप में।
मनोरंजन क्षेत्र के लिए संभावनाएं उतनी ही आशाजनक हैं, जब तक लोग सब्सक्रिप्शन पैकेज के लिए भुगतान करने के इच्छुक हैं और टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी वफादार ग्राहक बने रहते हैं, जब तक पैसे के लायक सामग्री है।
रियल एस्टेट, घर से संबंधित उत्पादों और एफएमसीजी पर्सनल केयर स्पेस की कंपनियों को भी काफी फायदा होगा।
मुख्य बात यह है कि भारतीय उपभोक्ता बाजार वैश्विक सार्वजनिक और निजी इक्विटी निवेशकों के लिए एक प्रमुख फोकस क्षेत्र बना रहेगा। मौजूदा और नई कंपनियां बाजार पूंजीकरण में सैकड़ों अरबों डॉलर का सृजन करेंगी।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 748