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Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी अब अधिकांश लोगों, विशेष रूप से क्रिप्टोलैंड के लोगों के लिए अज्ञात शब्द नहीं रहा। हालाँकि, अभी भी बहुत से लोग हैं जो क्रिप्टोलैंड या क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बहुत कम जानते हैं। आज Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? मेरी जिम्मेदारी है कि मैं ऐसे लोगों के लिए लिखूं और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जागरूक करूं।
लेकिन, इससे पहले कि हम सीधे क्रिप्टोकरेंसी अवधारणा पर ध्यान दें, इसके इतिहास और इसकी शुरुआत कैसे हुई, इसके बारे में जानना बहत महत्वपूर्ण है।
यदि आप नहीं जानते हैं, तो यह सब 1980 के दशक में साइबरपंक आंदोलन से शुरू हुआ था।
साइबरपंक कार्यकर्ता जिन्होंने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के मार्ग के रूप में मजबूत क्रिप्टोग्राफी और गोपनीयता बढ़ाने वाली तकनीकों के व्यापक उपयोग का प्रस्ताव रखा।
उपरोक्त परिभाषा में, क्रिप्टोग्राफी का अर्थ जटिल गणितीय सिद्धांतों और कंप्यूटर की सर्वोत्तम तकनीकों पर आधारित एन्क्रिप्शन का एक रूप है, जिसे डिक्रिप्ट करना यानि समझना व्यावहारिक रूप से असंभव है।
आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफिक मुद्राएं हैं जो सही भुगतान और विश्वव्यापी कामकाज के लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती हैं।
क्रिप्टोग्राफी शब्द दो अरबिक शब्दों – ‘क्रिप्टोस’ और ‘ग्राफीन’ से बना है – जिसका शाब्दिक अर्थ ‘गुप्त’ और ‘लेखन’ है।
आधुनिक युग में, लेखन की इस गुप्त प्रणाली को एन्क्रिप्शन कहा जाता है, जिसे गणितीय सिद्धांतों और जटिल कंप्यूटर विज्ञान एल्गोरिदम द्वारा प्राप्त किया जाता है जिन्हें हैक करना बहुत मुश्किल होता है। इन क्रिप्टोकरेंसी को कभी-कभी ‘डिजिटल करेंसी‘ या ‘वर्चुअल करेंसी’ भी कहा जाता है।
यह कहने की जरूरत नहीं है कि बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी की ओर पहला कदम था, जिसके आधार पर कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण किया गया है। उन्हें प्रसिद्ध रूप से ‘Altcoins’ कहा जाता है। जिनमें से कुछ हैं:
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: क्या है और कैसे काम करता है?
संक्षेप में: “ब्लॉकचेन एक वैश्विक ऑनलाइन डेटाबेस है जिसे कोई भी, कहीं भी, इंटरनेट कनेक्शन के साथ उपयोग कर सकता है। क्योंकि यह इंटरनेट पर मौजूद है, और यह “विकेंद्रीकृत” है, जिसका अर्थ है कि ब्लॉकचेन लेज़र दुनिया भर के सभी कंप्यूटरों के बीच शेयर किया जाता है, न कि एक केंद्रीय स्थान पर।”
और यही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्रिप्टोकरेंसी को बनाने और सुरक्षित रखने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाती है।
डिजिटल मुद्राएं और क्रिप्टोकरेंसी
जब मैं क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात करता हूं और उन्हें डिजिटल मुद्राओं के रूप में संदर्भित करता हूं तो कई लोग PayPal या Payoneer जैसे डिजिटल मनी सिस्टम से भ्रमित हो जाते हैं।
समझने वाली बात यह है कि PayPal जैसे डिजिटल करेंसी सिस्टम और क्रिप्टोकरेंसी में बहुत बड़ा अंतर है।
PayPal जैसी समान प्रणालियाँ INR, USD, EUR आदि फ़िएट मुद्राओं की केंद्रीकृत प्रणाली के आधार पर चलती हैं जबकि क्रिप्टोकरेंसी खुले और विकेन्द्रीकृत ब्लॉकचेन जैसी प्रणालियों के शीर्ष पर चलती हैं।
फिएट मुद्राएं संबंधित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा केंद्रीकृत, नियंत्रित और मुद्रित की जाती हैं, जबकि PayPal जैसी सेवाएं केवल इन फिएट मुद्राओं के माध्यम से सेवाएं प्रदान करती हैं और संचालन के लिए शुल्क लेती हैं।
दूसरी ओर, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का जन्म और उत्पादन ब्लॉकचेन पर होता है, जिस पर गणितीय नियमों का एक सेट लागू होता है ताकि कोई भी इसे नियंत्रित न कर सके या जितने चाहें उतने बिटकॉइन प्रिंट ना कर सके।
कैसे तय होती है किसी Cryptocurrency की वैल्यू, कौन से फैक्टर्स तय करते हैं करेंसी की कीमत, जानें यहां
Cryptocurrency Price : कई फैक्टर्स हैं, जो क्रिप्टो कॉइन्स की वैल्यू तय करते हैं.
Cryptocurrency आज के वक्त में निवेशकों के बीच Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी बाजार की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता एक फैक्टर है, जो निवेशकों के लिए चिंता खड़ी करती है. हर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त चढ़ाव देखा है तो झटके में धड़ाम भी होती दिखी हैं, ऐसे में कोई भी निवेशक इसको लेकर फिक्र करेगा. लेकिन सवाल यह है कि आखिर कौन सै फैक्टर्स हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें तय करते हैं. किसी क्रिप्टोकरेंसी वैल्यू कम होगी या ज्यादा होगी, यह कैसे तय होता है. क्रिप्टो में निवेश करने से पहले यह जानना जरूरी है.
मांग और स्वीकार्यता
किसी भी असेट या कमोडिटी की कीमत तय करने में सबसे बड़ी भूमिका उसकी मांग को लेकर होती है. किसी भी चीज की वैल्यू तब होती है, जब उसे लेकर उपभोक्ताओं और निवेशकों के बीच स्वीकार्यता होती है, उसका इस्तेमाल होता है. जैसे ही किसी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ता है, उसकी मांग बढ़ती है और इस तरह से उस कॉइन की वैल्यू भी बढ़ जाती है. फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी जो होती है, उसका नियमन होता है और उसे एक बड़ी मात्रा में छापा जाता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक सीमित संख्या में जेनरेट होती हैं. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बढ़ी है, जिसके चलते इनकी वैल्यू भी बढ़ी है.
नोड काउंट किसी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े एक्टिव वॉलेट्स के नंबर को कहते हैं. यह इंटरनेट पर या उस करेंसी के होमपेज पर देखा जा सकता है. इससे यह भी पता चलता है कि कोई कॉइन मार्केट में आए किसी क्राइसिस से उबर सकता है या नहीं.
प्रोडक्शन की लागत
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में प्रोडक्शन लागत जाती है. किसी कॉइन की माइनिंग में डायरेक्ट कॉस्ट और कॉस्ट ऑफ रिसोर्स यानी स्रोतों पर लगने वाली लागत से उस कॉइन की वैल्यू तय होती है. प्रोडक्शन लागत जितनी ज्यादा होगी, कॉइन की वैल्यू उतनी ज्यादा होगी.
किसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले कुछ निवेशक उसकी सिक्योरिटी और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट यानी आगे की संभावनाओं को तौलते हैं, ये जानकारी ब्लॉकचेन पर मिलती है. नए निवेशकों को ऐसे कॉइन चुनने चाहिए, जो अपने कॉइन्स को सबसे ज्यादा सिक्योरिटी देते हैं. हालांकि. प्रोफेशनल निवेशक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की भविष्य की संभावनाओं पर फोकस करते हैं.
बिटकॉइन के लाभ व लोक प्रिय होने के कारण
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
- आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
- इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
- जिस तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती है।
- बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
- बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |
बिटकॉइन का लेन देन कैसे किया जाता है (How to transact bitcoin)
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है।
- 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ? (What is bitcoin mining in Hindi)
- बिटकॉइन माइनिंग का मतलब Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है |
- बिटकॉइन माइनिंग की सफलता का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने पर जो पुरस्कार मिलता है वह बिटकॉइन होता है।
- माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता हो, ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा।
- दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है|
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है|
जानिए क्यों Bitcoin की कीमत लगातार घटती जा रही है?
"Crypto-jacking" attacks have become a growing problem in the cybersecurity industry, affecting both consumers and organisations. (Reuters)
अक्टूबर 2017 के बाद, बिटकॉइन में जिस तरह की तेज़ी देखी गई, दुनियाभर के निवेशक चौंक गए थे. 4,000 डॉलर की कीमत से, बिटकॉइन सिर्फ दो महीने में 19,000 डॉलर के पार पहुंच गया था. लेकिन जल्द ही, गिरावट शुरू हुई और अब सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 6,000 डॉलर से भी नीचे पहुंच गई है, जो 2018 में सबसे कम है. रविवार की दोपहर में बिटकॉइन 5,787 डॉलर के निचले स्तर पहुंच गया और सोमवार तड़के 6,131 डॉलर पर कारोबार करता देखा गया. बिटकॉइन में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि टैक्स सेलिंग, कड़े नियम, कई देशों में प्रतिबंध और हैकिंग्स आदि.
बिटकॉइन क्या है ? ( What is bitcoin ?)-
Bitcoin क्या है, कैसे काम करता है, इसको कहाँ रखा जाता है, ये सब ले कर आपके मन में बहुत सवाल होंगे.
- बिटकाइन एक डिजिटल मुद्रा है। यह पहली डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है |
- यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती।जैसे बाकि currencies होते है Rupee, Dollar इत्यादि ठीक उसी तरह Bitcoin भी एक digital currency है.
- ये बाकि currencies से बिलकुल अलग है क्यूंकि Bitcoin को ना ही हम देख सकते हैं ना ही उसे पैसों की तरह छू सकते हैं. Bitcoin को हम सिर्फ online wallet में store करके रख सकते हैं यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है | - पहले यह एक इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा के रूप में थी लेकिन 2017 में इसको दो भागों में बट गई Bitcoin (BTC) और Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? The Bitcoin Cash.
- इसे control करने के लिए कोई भी bank या authority या सरकार नहीं है यानि की कोई इसका मालिक नहीं है. Bitcoin का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है जैसे हम सब internet का इस्तेमाल करते हैं और उसका भी कोई मालिक नहीं है ठीक उसी तरह Bitcoin भी है.
बिटकॉइन का विकास क्यों और किसने किया ?(Who Invented the bitcoin in Hindi)
- इसका विकास अक्टूबर 2008 में, सब-प्राइम के दौरान, यूएस में सातोशी नकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने किया था। और 2009 में यह सबसे के सामने आयी |
- बिटकॉइन का विकास कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है।
- जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
- बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है।
बिटकॉइन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ? (How to use bitcoin in Hindi)
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। वहीं इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
- इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
- किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है।
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
- आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है। यह एकदम सुरक्षित और सुपर फास्ट है और यह दुनिया में कहीं भी कारगर है और इसकी कोई सीमा भी नहीं है।
बिटकॉइन के नुकसान (Loss of bitcoin)-
- जिस तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्योंकि, Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती है।
- बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
- बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
- बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है। एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं। यानी 0.00000001 BTC को एक सातोशी कहा जाता है।
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