फ्यूचर्स और आप्शंस के चक्कर में न पड़ें नए निवेशक, इक्विटी में ही बनेगी असली वेल्थ
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। इक्विटी में मुनाफे पर की गई बिक्री में पैसा कहां से आता है? आसान जवाब होगा कि जिसने भी स्टाक को पहले खरीदा है उसी से। ये सही है, मगर क्या इसका मतलब यह नहीं है कि पहले खरीदने वाले को नुकसान हुआ? नहीं, कम-से-कम तब तो नहीं जब स्टाक खरीदने वाले ने उसे फायदे में बेचा हो। आमतौर पर वक्त के साथ बाजार ऊपर ही जाते हैं, इसलिए इक्विटी निवेशक पैसा ही बनाते हैं। लेकिन फ्यूचर्स या आप्शंस में पैसा कहां से आता है? और डेरिवेटिव्स में? अजीब बात ये है कि इसका जवाब कम ही लोग जानते हैं।
2020 के मध्य से लेकर वर्क-फ्राम होम, एप-आधारित ट्रेडिंग और लाकडाउन ने मिलजुल कर नए निवेशकों की बाढ़ सी ला दी है। हालांकि, कई लोगों ने क्रिप्टो से चोट खाई है और वो अब वापस अपने-अपने आफिस की तरफ लौट गए हैं। मगर अब भी कई नए आए लोग इक्विटी में जमे हुए हैं।
इक्विटी और डेरिवेटिव्स के बीच के अंतर को समझें
हाल ही में एक युवा से बातचीत हो रही थी। इस युवक से फ्यूचर और आप्शंस को लेकर सवाल पूछा। उसे फ्यूचर और आप्शंस में ट्रेडिंग के लिए तैयार कर लिया गया, लेकिन उसे इसका कोई आइडिया नहीं था और न ही उसने कभी इस बारे में गहराई से सोचा था। असल में, उसने डेरिवेटिव्स के बारे कुछ जानने की कोशिश की थी और कई तरह की जानकारी जो ब्रोकरों ने दी, उससे कुछ समझने की कोशिश भी की थी। इसके अलावा गूगल से हर तरह की वेबसाइटों पर जाकर कुछ जान भी लिया था।
इसका नतीजा ये था कि उसने मुझे डेरिवेटिव्स के फायदों पर काफी अजीबोगरीब बातें सुनाईं कि कैसे वो ट्रेडर को सुरक्षित तरीके से ट्रेड करने में मदद करते हैं? कैसे वो लिक्विडिटी प्रमोट करते हैं? कैसे वो डिस्कवरी प्राइस को प्रोत्साहित करते हैं? आदि। हालांकि, इस पूरी आरएंडडी और इस सारे प्रोपेगेंडा में किसी ने उसे ये नहीं बताया था कि इसमें हर बार जब कोई मुनाफा कमाता है, उसमें किसी दूसरे का नुकसान होता है।
फ्यूचर्स और आप्शंस हैं जीरो-सम गेम
असल इक्विटी निवेश में ऐसा नहीं होता। यहां अर्थव्यवस्था की ग्रोथ इक्विटी की बुनियाद होती है, वहीं फ्यूचर और आप्शंस एक जीरो-सम गेम है, जो बात सबसे दिलचस्प लगी वो ये कि एक बार जब मैंने अपने उस युवा दोस्त को सारी चीजें समझा दीं, तो वो जो भी कर रहा था, उसे लेकर कुछ हद तक डर गया। ये जरूर है कि वो समझता है कि वो और उसका ब्रोकर बड़े बुद्धिमान हैं। फिर भी, ये जानकारी कि उस पूरे काम में कोई पैसा नहीं बन रहा, और सारा नफा-नुकसान बराबर है, ये बात किसी भी काम को लेकर हमारा रवैया बदल ही देती है।
असल में, लाखों लोगों का डेरिवेटिव का लेनदेन-जो भारतीय एक्सचेंज के कामकाज का 90 प्रतिशत है, कुल मिला कर कोई वेल्थ नहीं पैदा करता, ये बात सोच में डालने वाली है। अगर कोई अमीर बन रहा है, तो सिर्फ इसलिए क्योंकि कोई दूसरा गरीब हो रहा है। ब्रोकर और एक्सचेंज इस सब में शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? पैसे बना रहे हैं। ये सोच कि भारत में फ्यूचर्स और आप्शंस काम के हैं, सिर्फ एक थ्योरी है और कुछ नहीं। कुछ गायब होते थोड़े से निवेशक डेरिवेटिव्स को नुकसान कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई के दौरान बताया गया था कि स्टाक मार्केट का मकसद है कि निवेशकों के रिसोर्स बिजनेस में इस्तेमाल हों, ताकि फाइनेंशियल ग्रोथ हासिल की जा सके और सभी निवेशक इस ग्रोथ में हिस्सेदारी ले सकें।
इक्विटी में बनेगी असली वेल्थ
फ्यूचर्स और आप्शंस का ये जुआ इस मकसद से बहुत दूर है। मगर हां, ये सब बदलने वाला नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी जैसे इनोवेशन की तुलना में फ्यूचर्स और आप्शंस काफी सौम्य नजर आते हैं। निवेशक अपने निवेश तक ही रहें और उसके लालच में न पड़ें जो ऊपरी तौर पर तो निवेश लगता है मगर असल में निवेश से काफी अलग है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)
हरे निशान में खुलने के बाद टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स लाल निशान में बंद
सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 26 अंक की तेजी के साथ 51,355.89 पर खुला था, लेकिन यह सुबह 10.40 के आसपास 364 अंक टूटकर 50,965.22 तक पहुंच गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 19.69 अंक की गिरावट के साथ 51,309.39 पर बंद हुआ.
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- नई दिल्ली ,
- 10 फरवरी 2021,
- (अपडेटेड 10 फरवरी 2021, 4:37 PM IST)
- शेयर बाजार सुबह हरे निशान में खुला था
- बाद में भारी बिकवाली से टूट गया बाजार
- कारोबार के अंत में सेंसेक्स 51,309 पर बंद
हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार हरे निशान में खुले थे, लेकिन थोड़ी ही देर में बाजार में गिरावट आने लगी. सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 26 अंक की तेजी के साथ 51,355.89 पर खुला था, लेकिन दोपहर 1.45 बजे के आसपास 483 अंक टूटकर 50,846.22 तक पहुंच गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 19.69 अंक की गिरावट के साथ 51,309.39 पर बंद हुआ.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10 अंक की तेजी के साथ 15,119.05 पर खुला था. लेकिन दोपहर 1.45 बजे के आसपास 132 अंक टूटकर 14,977.20 पर पहुंच गया. कारोबार के अंत में निफ्टी 2.80 अंकों की गिरावट के साथ 15,106.50 पर बंद हुआ.
निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 1 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि आईटी एवं फार्मा सेक्टर में भी खरीदारी देखी गई. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स हरे निशान में रहे. एनएसई में करीब 1455 शेयरों में तेजी और 1454 में गिरावट देखी गई. निफ्टी में बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में सिप्ला, बजाज फिनसर्व, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एमऐंडएम, एचडीएफसी लाइफशामिल रहे.
रुपया सपाट
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सपाट 72.87 पर खुला. कारोबार के अंत में रुपया थोड़ी मजबूती के साथ 72.84 पर बंद हुआ. मंगलवार को रुपया 72.88 पर बंद हुआ था.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने दिसंबर तिमाही में 40 लार्जकैप कंपनियों से अपनी हिस्सेदारी घटाई है. हालांकि पूरे साल 2020 में FII शुद्ध रुपये से खरीदार रहे हैं और उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है.
मंगलवार को भी आई थी गिरावट
मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को भी हरे निशान में खुले. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 136 अंक की तेजी के साथ 51,484.2 पर खुला. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 487 अंकों की उछाल के साथ ऑल टाइम हाई लेवल 51,835.86 तक चला गया.
हालांकि, दोपहर 3 बजे के आसपास भारी बिकवाली की वजह से बाजार में गिरावट दिखने लगी. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 19.69 अंक टूटकर 51,329.08 पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 49 अंकों की तेजी के साथ 15,164.15 पर खुला और कारोबार के दौरान 142 अंक तक बढ़ते हुए 15,257.10 तक चला गया. निफ्टी 6.50 अंक टूटकर 15,109.30 पर बंद हुआ.
Share Market Today: रिकॉर्ड लेवल पर बंद हुआ शेयर बाजार, एयरटेल में अच्छी तेजी
गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 207 अंकों की उछाल के साथ 54,576.64 पर खुला. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 123.07 अंकों की उछाल के साथ नए रिकॉर्ड स्तर 54,492.84 पर बंद हुआ.
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- नई दिल्ली ,
- 05 अगस्त 2021,
- (अपडेटेड 05 अगस्त 2021, 4:12 PM IST)
- शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
- नए शिखर पर खुले सेंसेक्स-निफ्टी
भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) की आज यानी गुरुवार को भी शुरुआत हरे निशान में हुई. सेंसेक्स और निफ्टी नए शिखर पर खुले, लेकिन बाद में बाजार सपाट हो गया. भारती एयरटेल के शेयर आज 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 594 रुपये तक पहुंच गए.
गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 207 अंकों की उछाल के साथ नई रिकॉर्ड ऊंचाई 54,576.64 पर खुला. हालांकि सुबह 9.25 बजे के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव होने लगा. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 123.07 अंकों की उछाल के साथ नए रिकॉर्ड स्तर 54,492.84 पर बंद हुआ.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 30 अंक की तेजी के साथ 16,288.95 पर खुला और बढ़ते हुए रिकॉर्ड लेवल 16,294.65 तक चला गया. निफ्टी ने मंगलवार को ही 16 हजार का आंकड़ा पार कर लिया था. आज कारोबार के अंत में निफ्टी 35.80 अंकों की उछाल के साथ 16,294.60 पर बंद हुआ.
कमजोर वैश्विक संकतों और बैंकिंग एवं मेटल शेयरों में बिकवाली की वजह से शेयर बाजार सपाट हो गए. निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2 फीसदी की गिरावट आई, जबकि मेटल इंडेक्स में 1 फीसदी और आईटी इंडेक्स में 0.7 फीसदी की गिरावट आई.
क्यों चढ़े एयरटेल के शेयर
भारती एयरटेल के शेयर आज 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 619.20 रुपये तक पहुंच गए. एक बिजनेस चैनल की खबर के मुताबिक लंदन की कंपनी OneWeb को भारत में GMPCS/VSAT का लाइसेंस मिला है. Oneweb में Bharti Global की हिस्सेदारी है. दूरसंचार विभाग ने कंपनी को लाइसेंस दिया है. सरकार ने 20 साल के लिए लाइसेंस दिया है. कंपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा दे सकती है. इस खबर का असर एयरटेल के शेयर पर दिखा.
रुपया सपाट
आज भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सपाट रहा. डॉलर के मुकाबले रुपया 74.16 पर खुला. बुधवार को यह 74.18 पर बंद हुआ था. कारोबार के अंत में भी रुपया 74.17 पर बंद हुआ.
बुधवार को भी बना था रिकॉर्ड
एफपीआई की वापसी और घरेलू इकोनॉमी के अच्छे संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को बहार दिखी. सेंसेक्स अपने इतिहास में पहली बार 54 हजार के पार खुल. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 248 अंकों की तेजी के साथ 54,071.22 पर खुला. सुबह 10.52 के आसपास सेंसेक्स 617 अंकों की शानदार तेजी के साथ 54,440.80 पर पहुंच गया.शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है?
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 546.41 अंकों की तेजी के साथ 54,369.77 पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 65 अंकों की तेजी के साथ 16,195.25 पर खुला और सुबह 10.52 के आसपास बढ़ते हुए 16,290.20 पर पहुंच गया. कारोबार के अंत में निफ्टी 128.05 अंक की तेजी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? के साथ 16,258.80 पर बंद हुआ.
Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है
निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।
What is Nifty in Hindi?
निफ्टी क्या है?
NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।
निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है
निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।
संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।
भारत में दो सूचकांक शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? है
निफ्टी की जानकारी?
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।
NSE में 1600 से भी ज्यादा companies registered है। निफ्टी इन सभी कंपनियों को इंडेक्स नही करता। निफ्टी में इंडेक्स होने के लिए देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे बड़ी, आर्थिक रूप से मजबूत तथा सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
ये कंपनिया देश के कई क्षेत्रों(sector) जैसे – Bank, Real estate, Media, Information technology, Auto, Financial services, शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? Pharma, Metal, FMCG, Energy इत्यादि वर्गों से आती है।
निफ्टी की शुरुआत वर्ष 1994 से हुयी थी, जबकि इसका base year एक वर्ष बाद नवंबर 1995 है, तथा base value 1000 है।
यहाँ Base Year तथा Base Value कहने का मतलब यह है की Nifty को वर्ष 1995 के Market Cap एवं base value 1000 को आधार मानकर कैलकुलेट करते है।
Nifty का प्रबंधन India Index Services and Products (IISL) करता है। निफ्टी के टॉप 50 कंपनियों में शामिल होने के लिए बीएसई-सेंसेक्स की तरह ही कंपनियों को कई शर्तों को पूरा करने की जरुरत पड़ती है। जिन्हें आप हमारे पिछले लेख: सेंसेक्स क्या होता है? में पढ़ सकते है।
निफ्टी की गणना कैसे होती है?
How Nifty is calculated in Hindi
निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।
जो इस प्रकार है –
- Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? 1000 का उपयोग किया जाता है।
- Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है
इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।
Market Capitalisation(बाजार पूंजी) : Market Capitalisation किसी कंपनी की कीमत होती है।
Free-float Market Capitalisation : यह किसी कंपनी के शेयर का वो खुला हुआ हिस्सा होता है जो खरीदने के लिए उपलब्ध होता है। इसे open market share भी कहते है। ये स्टॉक मार्केट से खरीदा जा सकता है।
1991 – 2022 के वर्षों में निफ्टी का प्रदर्शन
NIFTY 1991-2022, Source: TradingView chart
निफ्टी क्या होता है और इसकी गणना कैसे होती है? आप जान चुके होंगे। शेयर बाजार में निवेश करने के पहले किन जरुरी बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए आप इस निचे के लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
शेयर बाजार में निवेश के कुछ जरूरी टिप्स(10+ Tips for Investing in Share Bazar)
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गाइड: सेंसेक्स क्या होता है? – गणना की पूरी जानकारी
गाइड: शेयर क्या होता है – शेयर बाजार की जानकारी
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
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Indore News: शेयर बाजार में निवेश शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? करना व्यापार करने जैसा ही है इसलिए सही ज्ञान होना जरूरी
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि) Indore News। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) इंदौर ब्रांच ने शनिवार को पोस्ट कोविड मार्केट आउटलुक विषय पर फिजिकल एवं वर्चुअल सेमिनार आयोजित किया। इसमें 100 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हुए। मुख्य अतिथि गाजियाबाद के सेंट्रल काउंसिल सदस्य सीए अनुज गोयल और रीजनल काउंसिल चेयरमैन सीए नीलेश गुप्ता थे। इंदौर ब्रांच के चेयरमैन सीए कीर्ति जोशी ने कहा कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग एक तरह से व्यापार है और सही ज्ञान एवं सटीक प्लान के बिना कोई भी व्यक्ति व्यापार में सफल नहीं हो सकता। केवल कुछ किताबें या वाट्सएप की जानकारी पढ़कर ट्रेडिंग में आ जाने से काम नहीं चल सकता। केवल ब्रोकरेज अकाउंट खोलकर और चार्टिंग प्रोग्राम खरीदकर शेयर बाजार में पैसा लगा देने से सफलता नहीं मिल सकती, उल्टे इससे नुकसान का डर ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टडी के अनुसार मार्केट में शेयर ट्रेडिंग के व्यापार में केवल एक फीसदी लोगों को ही सफलता मिली है।
नागपुर से आए सीए अमित चांडक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति मार्केट में निवेश करते समय सबसे पहले यह पूछता है कि मार्केट में क्या चल रहा है। यानी की मार्केट सेंटीमेंट्स पर चलता है। इसी कारण आठ माह में लाकडाउन के बाद किसी भी कंपनी के फंडामेंटल में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है। हालांकि मार्केट में तेजी दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आत्मनिर्भर भारत के कारण भी सेंटीमेंट्स में बदलाव आया है। यदि हम 1991 से 1997 तक के शेयर मार्केट को देखें तो ऐसी इंडस्ट्रीज के शेयर्स में तेजी थी जिसमे अत्यधिक पूंजी निवेश की आवश्यक्ता होती है। 1998 से आइटी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है? एवं टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री के शेयर्स में तेजी का समय था एवं अब फिर से ऐसी कंपनियों की ओर फोकस दिख रहा है जो मेन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री हैं।
सीए अंकुर सोडानी ने कहा कि शेयर बाजार में अगर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसमें एंट्री का रास्ता आसान है लेकिन आपको सही स्ट्रेटेजी पर काम करना जरूरी होगा। इसके लिए यह तय करना होगा कि आप कितना रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं और आपके निवेश का लक्ष्य क्या है। आपका कैपिटल अलोकेशन क्या है। आप शार्ट टर्म या लांग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं यह सब तय होना चाहिए। एल्गो ट्रेडिंग पर दिल्ली के सीए सुजाय जैन ने कहा कि एल्गो ट्रेडिंग हिस्टोरिकल डाटा पर कार्य करता है और उस आधार पर रिजल्ट देता है जो हर बार सही नहीं हो सकता। अमेरिका में वर्ष 2010 का फ्लैश क्रैश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, क्योंकि वर्ष 2010 में एक साफ्टवेयर की गड़बड़ से पूरा मार्केट गिर गया था।
अल्गोरिदम ट्रेडिंग में मानव का कम इन्वाल्वमेंट होने की वजह से रिस्क और बढ़ जाती है एवं इसमें छोटे निवेशकों को नुकसान हो सकता है। सीएस अर्पित भार्गव ने कहा की जब भी आप निवेश का प्लान कर रहे हों तो आपकी सोच बहुत क्लियर होना चाहिए एवं अफवाह एवं नकारात्मक खबरों को लेकर एक दम से कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। निवेश में बेहतर रिटर्न आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है लेकिन आत्मविश्वास और अति आत्मविश्वास के बीच एक अंतर है जिसे समझना बहुत आवश्यक है। भावनाओं में आकर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सीए समकित भंडारी ने किया। कार्यक्रम में सीए पंकज शाह, सीए अभय शर्मा, सीए मनोज गुप्ता सहित कई सदस्य मौजूद थे।
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