Trading Account के बारे में जाने.
Share Market Me Invest Karne Ke Liye कई प्रकार Ki जानकारियों Ka होना जरुरी Hota Hai.
जैसे Ki Demat Account, Trading Account इत्यादी.
कुछ लोग Trading Aur Demat Account Ke बिच फर्क Ko Nahi जानते Hai. लेकिन इन दोनों Ke बिच बहुत बड़ा फर्क Hota Hai.
पिछले पोस्ट Me हमने Demat Account Ke बारे Me बताया Tha. इसमें हम Trading Account Ke बारे Me बताने वाले Hai.
इसमें Aap जानेंगे Ki Trading Account Kya Hota Hai ? ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai? Aur Trading Account Ke लाभ Kya Hai? Trading Account Kaise खोले ?
ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?
What Is Trading Account In Hindi
Trading Account Means Trade Karne Wala Account.
शेयर Market Me Kisi Bhi शेयर Ko खरीदने Aur बेचने Ke Liye ट्रेडिंग Account Ka जरुरत पड़ता Hai.
यानि , Trading Account Se Hi Kisi Bhi शेयर Ko खरीदने Aur बेचने Ka काम Hota Hai.
Is Account Ko शेयर Market Se जुड़ते समय खुलवाना Hota Hai.
ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai ?
Working A Of Trading Account, How To Prepare Trading Account
Trading Account Ki प्रक्रिया Step-By-Step दिया Gya Hai Jo निम्न Hai.
Trading Account Me पैसा Add Karna
शेयर Price देखना
शेयर खरीद/बिक्री Ka Order Dena
ऑर्डर Stock Exchange Tak पहुचना
Counter Order मिलने Par Yeh ऑर्डर Execute होना
टैक्स Aur चार्ज Ke साथ ट्रेडिंग अकाउंट Se पैसे कटना
Demat Account Me शेयर Jama होना
Value बढ़ने Par शेयर बेचने Ka ऑर्डर रखना
बेचकर उसका पैसा टैक्स Aur ब्रोकरेज कटने Ke बाद ट्रेडिंग अकाउंट Me Jama होना.
ट्रेडिंग अकाउंट Ke लाभ
Benefits Of A Trading Account
फ़ोन Par Ya ऑनलाइन शेयर खरीदना Ya बेचना
मार्किट अपडेट Aur फ़्री न्यूज़ अलर्ट
विश्लेषकों Ki Ek अनुभवी टीम Se सलाह
व्यक्तिगत ट्रेडिंग सीमा निर्धारित Karne Ki अनुमति
Trading Account Kaise खोले ?
Trading Account Opening, Need Of Trading Account
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने Ke Liye Sabse Pahle Ek सेबी पंजीकृत स्टॉकब्रोकर Ka चयन Karna Hai.
सभी ब्रोकर Ka Application उपलब्ध Hai. Jise Aap Apne Device Me इनस्टॉल Kar सकते Hai.
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने Ke Liye कुछ पैसे Bhi Lagate Hai. Jo सभी ब्रोकर Ka प्लान Ke हिसाब Se अलग-अलग Hai.
Form भरने होते Hai. Aur कुछ डॉक्यूमेंट Jama Karne होते Hai.
Jama Kiya जाने Wala डॉक्यूमेंट “ Pan Card, Saving Bank Account, Address Proof, Photo” होना चाहिए.
अब Document सत्यापित Aur Kyc Ke Liye Phone कॉल Ya Ghar Par विजिट करके Kisi Person Ke द्वारा Kiya Jata Hai.
प्रोसेस Ok Hone Ke बाद उस Account Ka Istemal Kar पाते Hai. यानि शेयर Ki खरीद/बिक्री Kiya Ja Sakta Hai.
To Yeh Tha Trading Account Se जुड़े जानकरी जिसमे आपने जाना Ki Trading Account Kya Hota Hai ? ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai? Aur Trading Account Ke लाभ Kya Hai? Trading Account Kaise खोले ?
Agar Aapko Is जानकारी Se हेल्प मिला Ho To कृपया इसे जरुर ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है शेयर Kare.
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ट्रेडिंग Kya Hai, Trading अकाउंट Kya Hai, ट्रेडिंग अकाउंट Kaise बनाते Hai, डीमैट अकाउंट Ke फायदे , ट्रेडिंग कितने प्रकार Ke होते Hai, ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi
Trading Account Meaning In Hindi – दोस्तों अगर आप इस लेख को पढ़ रहे है तो जरुर आप शेयर मार्केट में इंटरेस्ट रखते हो या फिर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो ! अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो आप यह जरुर जानना चाहते होंगे कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai ). यह डीमैट अकाउंट से किस प्रकार अलग है ( Trading Account and Demat Account Difference ) ? यदि आप इन सब बातो को जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! तो आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? और यह किस प्रकार काम करता है What Is Trading Account In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसके माध्यम से हम स्टॉक को खरीदने के लिए पैसे का लेनदेन करते है तथा शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर इसी अकाउंट के द्वारा दिया जाता है ! यह अकाउंट एक प्रकार से हमारे बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट के बिच मध्यस्थता का कार्य करता है !
जब हम ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाते है तो इसे हमारे डीमैट अकाउंट से लिंक कर दिया है ! और जब हमें शेयर्स खरीदने होते है तो हम अपने बैंक अकाउंट से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में डाल देते है ! जब ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है हम शेयर खरीदने का ऑर्डर स्टॉक मार्केट को देते है तो जितने पैसे के shares खरीदते है उतने पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से कट जाते है और जो shares हमें मिलते है वो कुछ समय में हमारे डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते है !
उसी प्रकार जब हम डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचते है तो उन shares के पैसे ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाते है और shares डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के अकाउंट में जमा हो जाते है !
सरल शब्दों में हम कह सकते है कि ट्रेडिंग अकाउंट एक प्रकार से शेयरों की ट्रेडिंग करने के लिए होता है , जहाँ पर हमारे shares खरीदने और बेचने का ऑर्डर तथा पैसो के डेबिट और क्रेडिट रिकॉर्ड रखे जाते है ! वर्तमान में सभी प्रकार के ब्रोकर्स हमें एक साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देते है !
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले ( Trading Account Kaise Khole )
जब भी आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करना होगा ! आप यह अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के ऑफिस में जाकर या फिर जिस भी ब्रोकर से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना चाहते है उसकी वेबसाइट पर जाकर जरुरी डाक्यूमेंट्स submit करके भी यह अकाउंट ओपन कराया जा सकता है !
आपको बता दे की स्टॉक ब्रोकर एक प्रकार से रजिस्टर्ड कंपनी होती है जो SEBI के नियमो के अनुसार चलती है ! वर्तमान में भारत में लगभग 8 हजार से भी ज्यादा स्टॉक ब्रोकर कम्पनी रजिस्टर्ड है ! आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सही कंपनी का चुनाव करना होगा जिसमे ब्रोकरेज charges तथा वार्षिक शुल्क बहुत कम हो तथा जो आपको अच्छी सुविधाए उपलब्ध करवाए !
ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ ( Benefits of Trading Account )
- वर्तमान में सब कुछ डिजिटल होने से ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी आसान और सरल हो गई !
- इस अकाउंट के माध्यम से जब आप shares खरीदते और बेचते है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से अपने आप ही पैसे डेबिट और क्रेडिट हो जाते है !
- आप shares की ट्रेडिंग अपने मोबाइल के माध्यम से कही भी कर सकते है !
- ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा मिलने से निवेशक को अपने ब्रोकर को कॉल करके ऑर्डर देने की जरुरत नही होती है ! उसके द्वारा दिया गया ऑर्डर तुरंत अप्लाई हो जाता है !
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता ? और इसके फायदे क्या है ? इन सब बातो को जान लेने के पश्चात् अब आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा कि आखिर ये ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है ! आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है –
जब आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रान्सफर करने होंगे ! उसके बाद आप जिस भी कंपनी का शेयर या स्टॉक खरीदना चाहते है तो उसका प्राइस देखना होता है अब उस प्राइस के हिसाब से आप शेयर खरीदने का ऑर्डर प्लेस कर सकते है ! आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचता है अब इस ऑर्डर का काउंटर ऑर्डर मिल जाने पर यह ऑर्डर execute हो जाता है !
जब आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर complete हो जाता है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे कट जाते है और ख़रीदे गए shares आपके डीमैट अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर एक या दो दिन में जमा हो जाते है !
इसी प्रकार जब आप डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचना चाहते है तो बेचे गए शेयर आपके डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाते है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर पैसे जमा हो जाते है ! इस प्रकार से यह ट्रेडिंग अकाउंट काम करता है !
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर ( Trading Account and Demat Account Difference )
वर्तमान में सभी कंपनियां हमें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ देने की सुविधा के कारण हम इन दोनों के बिच क्या अंतर है यह नहीं जान पाते है ! लेकिन यदि आप ध्यान से समझेंगे तो इन दोनों में बहुत ही अंतर है , जो इस प्रकार है –
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में मुख्य अंतर यही है कि ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से हम shares को खरीदने और बेचने का ऑर्डर देते है तथा इसमें हम shares को खरीदने के लिए पैसे को जमा रख सकते है , जबकि डीमैट अकाउंट में हम पैसे को जमा नहीं रख सकते यह हमें ख़रीदे गए shares को स्टोर करने अर्थार्त रखने की सुविधा प्रदान करता है !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Trading Account Kya Hai आर्टिकल के सम्बन्ध में आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है !
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I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है – trading account meaning in hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है , trading account ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है meaning in hindi – आज लोग एक इनकम पे निर्भर नहीं रहना चाहते है। इसलिए लोग अलग अलग इनकम स्रोत ढूंढ रहे है। क्युकी लोगो को आज समझ आ गया अगर एक इनकम पे निर्भर रहे तो काल वो जब चला जाये तो उनके पास इनकम के लिए और भी स्रोत है।
तो मेरा कहने का मतलब लोग आज शेयर मार्किट , म्यूच्यूअल फण्ड , बांड आदि ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है मे इन्वेस्ट करने मे इच्छा जाहिर कोर रहे है। उनको लगता है अगर अच्छे से रीसर्च करके इन इंस्ट्रूमेंट मे पैसा निवेश किया जाये तो उनको एक passive income मिल सकते है।
आज मेरा ये आर्टिकल उन लोगो लिए है जो स्टॉक मार्किट मे ट्रेडिंग करना चाहते है। इससे पहले मेने how to open demat and trading account in hindi और ट्रेडिंग कैसे करे ये दो आर्टिकल publish कोर चूका हूँ
आज मे बताऊंगा ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है, ट्रेडिंग अकाउंट अलग से खोल सकते है क्या, ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे क्या है इन सारे पॉइंट को कवर करेंगे इस आर्टिकल के जरिये
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है – trading account meaning in hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है (trading account meaning in hindi)
जब हम शेयर buy और sell करते है तो इसके लिए हम जिस के माध्यम से लेन-देन करते है उसको ही ट्रेडिंग अकाउंट कहलाते है।
उदाहरण के लिए मान लीजे आप एक शेयर buy करते हो तो ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है जो buy हुआ शेयर है वो आपके demate account मे आ जाता है लेकिन buy करते टाइम जो transaction होता है वो ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये होता है।
ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करते है
ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक अकाउंट और Demat अकाउंट से लिंक होता है, ट्रेडिंग अकाउंट बैंक अकाउंट और Demat अकाउंट के बीच कड़ी की तरह काम करता है।
उदाहरण के लिए ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है मान लीजे आपके बैंक अकाउंट मे दो लाखस रूपया है और आपको एक कंपनी के दस शेयर खरीदना है, जिनकी मूल्य है बीस हज़ार रूपया। तो इसके लिए आपको अपने बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है बीस हज़ार रूपया आपके ट्रेडिंग अकाउंट मे transfer करना पड़ेगा। फिर उसके बाद ही आप उस दस शेयर की आर्डर को प्लेस कोर पाएंगे।
वही टाइम पे किसी दूसरा निवेशक को भी दस शेयर sell आर्डर प्लेस करना पड़ेगा, जब buy और sell match हो जाता है तो आपका आर्डर Execute हो जाता है। तो वही आपके ट्रेडिंग अकाउंट से बिस हाजार रूपया निकाल के जो seller है उसके ट्रेडिंग अकाउंट मे चला जाता है और seller के Demat अकाउंट से शेयर निकाल के आपके Demat अकाउंट मे transfer हो जाता है।
ये जो पूरा प्रक्रिया है इसको Execute होने मे T+2 DAYS लगता है। T+2 DAYS का मतलब ट्रेडिंग days प्लस 2 days अगर अपने transaction मंगलवार को किया है तो आपको अपने शेयर की वितरण गुरूवार को शाम तक मिल जाएँगी। और जो seller है उसके Demat अकाउंट से शेयर गुरूवार सुबह मे डेबिट होंगे।
ट्रेडिंग अकाउंट अलग से खोल सकते है
आज के टाइम पे आप किसी भी Broker के पास एक साथ ट्रेडिंग और Demate अकाउंट खोल सकते हो। लेकिन अगर आपके पास किसी ब्रोकर का ट्रेडिंग और Demate अकाउंट नहीं है तो मेने एक आर्टिकल लिखा है स्टॉक ब्रोकर क्या है इस आर्टिकल को जरूर read कोरे इसमे मेने Top10 ब्रोकर का नाम भी बताये है आप उस मे से किसी को को चुन सकते हो।
लेकिन आपके मन मे ये सवाल जरूर आते होंगे क्या हम सिर्फ ट्रेडिंग या सिर्फ Demat अकाउंट खोल सकते है? हां आप बिलकुल खोल सकते है लेकिन ये करने से आपको कोई ज्यादा फायदा नहीं मिलता है।
मान लीजे आपने सिर्फ ट्रेडिंग अकाउंट खोल लिया है तो जब आप शेयर buy और sell करेंगे तो आपको उसमे डिलीवरी कहा मिलेगी क्युकी अगर आप सिर्फ ट्रेडिंग अकाउंट खोल रहे है तो उसमे आप केबल future and options मे ट्रेड कोर सकते है जोकि केस मे सेटल होते है, इसके लिए आपको Demat अकाउंट की जरुरत नहीं पड़ती है।
अब बात करते है Demat अकाउंट की अगर आप सिर्फ Demat अकाउंट खोलते है तो शेयर की ट्रेडिंग कैसे करोगे, आप कोई IPO allotment ले रहे हो आपको उसको बेचना है तो आप बिना ट्रेडिंग के उसको बेच नहीं सकते।
बहुत लोगो को ये भी सवाल होता है के इंट्राडे ट्रेडिंग मे हमको शेयर की डिलीवरी तो मिलता नहीं है तो उसके लिए क्या Demat अकाउंट चाहिए? हां SEBI के गाइडलाइन्स के अनुसार अगर आप इक्विटी मे ट्रेड कोर रहे है तो आपके लिए Demat अकाउंट होना mandatory है।
ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे क्या है
- सबसे बड़ी फायदा ऑनलाइन ट्रेडिंग के कारन आज आप दुनिया मे जहा से चाहे ट्रेडिंग कोर सकते हो।
- ऑनलाइन ट्रेडिंग के वजह से लिखित या कॉल करके आर्डर देने की कोई जरुरत नहीं है। आर्डर कुच सेकंड मे ही complete हो जाता है।
- ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट की सुबिधा से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले काफी कम हो गया।
- मार्जिन मनी की सुबिधा भी मिलती है।
- शेयर buy और sell करना बिलकुल आसान हो गया।
आपको मेरा ये आर्टिकल ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है – trading account meaning in hindi कैसा लगा जरूर कमेंट करके बताये। अगर आपको कोई भी पॉइंट समझ नहीं आया तो आप वो भी कमेंट करके पूछिए मे उस सवाल का जबाब जरूर देंगे।
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.
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- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)
डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.
1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट
एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.
2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट
यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.
3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.
4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)
अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.
इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.
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