“हमने हाल ही में एक वैश्विक साइबर-सुरक्षा फर्म के कहने पर अपनी सुरक्षा प्रणालियों को कई गुना बेहतर करने का काम किया है। हमनें अपने डेटाबेस को अनधिकृत तरीक़े से एक्सेस किए जाने जैसे दावों की जानकारी के बाद विश्व स्तरीय मानकों के आधार पर प्लेटफ़ॉर्म की सुरक्षा को अपग्रेड किया है।”
जानें, एक शेयर ब्रोकर किस तरह से बन गया भारत की वर्तमान राजनीति का ‘चाणक्य’
अहमदाबाद। भारत के इतिहास में रणनीतिकारों में चाणक्य का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। चाणक्य के विषय में सभी जानते हैं कि उन्होंने भरी सभा में नंदवंश एक वैश्विक ब्रोकर के खात्मे का संकल्प लिया था और चंद्रगुप्त मौर्य को शासन बनाकर उसे कर दिखाया। इसके बाद भारतीय राजनीति में चाणक्य के रूप में वल्लभ भाई पटेल का नाम लिया जाता है। उनकी ही सूझबूझ से देश के 500 से अधिक स्व-शासी प्रांतों का भारत में विलय हुआ था। इस रक्तहीन विलय संधि वैश्विक इतिहास में कभी देखने को नहीं मिली। सरदार पटेल नहीं बन पाए आजाद भारत के चाणक्य.
सरदार पटेल आजाद भारत या आधुनिक भारत के चाणक्य नहीं बन पाए। क्योंकि आजादी के तीसरे साल में ही उनका निधन हो गया। वे चाणक्य की तरह नीतियों-सिद्धांतो से कहीं अधिक व्यावहारिकता पर जोर देते थे। इससे सरदार पटेल आधुनिक भारत के बिस्मार्क कहलाए।
वर्तमान राजनीति में एक धूमकेतू की तरह उभरता नाम अमित शाह का है। जो कुशल राजनीतिक रणनीतिकार भी हैं। उनमें संगठन भी क्षमता भी है। अभी तक अमित शाह की चुनाव रणनीति असरकारक साबित हुई हैं। बेशक वे 2014 के चुनाव के नायक नहीं थे, पर आगे जाने पर वे लोगों के नायक बन गए, इसमें कोई दो मत नहीं। वे स्वयं को नरेंद्र मोदी का सिपाही मानते हैं। अमित शाह भाजपा के सफल अध्यक्ष हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिलाने वाले नरेंद्र मोदी के संकटमोचन अमित शाह के खिलाफ जितने षड्यंत्र रचे गए, शायद ही किसी के खिलाफ रचे गए होंगे। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि वाराणसी से नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ाने का निर्णय अमित शाह का ही था। वे नरेंद्र मोदी सरकार में सबसे छोटी उम्र के गृह राज्य मंत्री बने। अभी तक वे छोटे-बड़े 42 चुनाव एक वैश्विक ब्रोकर लड़ चुके हैं। इसमें से एक में भी उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा है।
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुम्बई में एक व्यापारी के घर हुआ एक वैश्विक ब्रोकर था। गुजरात के एक सम्पन्न परिवार से हैं। उनका पैतृक गांव माणसा है। महेसाणा में प्राथमिक शिक्षा के बाद वे अहमदाबाद आए। यहां से उन्होंने बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पिता का व्यवसाय संभालने लगे। 20 साल की छोटी उम्र में उन्होंने पीवीसी पाइप बनाने की छोटी-सी फैक्टरी शुरू की। वे गुजरात में सिंचाई के लिए पाइप बनाने वाले पहले उद्यमी थे। इसके बाद उन्होंने शेयर बाजार में पैसा लगाया।
आरएसएस की कार्यप्रणाली से वे काफी प्रभावित थे। आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक रतिभाई पटेल 80 के दशक की शुरुआत में अमित शाह को साइकिल पर बिठाकर ले जाते थे। अमित शाह हमेशा अपने साथी कार्यकर्ताओं की मदद करने के लिए तैयार रहते। नरेंद्र मोदी से अमित शाह की पहली मुलाकात आरएसएस की शाखा में ही हुई। यहीं उन्होंने नरेंद्र मोदी से भाजपा में जोड़ लेने की इच्छा व्यक्त की। तब नरेंद्र मोदी उन्हें तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह वाघेला के पास ले गए। उनका परिचय देते हुए मोदी ने कहा था- ये अमित शाह हैं, प्लास्टिक के पाइप बनाने का धंधा करते हैं। अच्छे बिजनेसमेन हैं। इन्हें पार्टी का थोड़ा काम दो। इस तरह से अमित शाह भाजपा से जुड़ गए। 1990 के चुनाव में अमित शाह ने चुनाव की जवाबदारी निभाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यहां आडवाणी जी भले ही कदम न रखें, पर मैं उन्हें जितवा दूंगा। उनके इस आत्मविश्वास से नरेंद्र मोदी काफी प्रभावित हुए। उस सीट की चुनावी बागडोर अमित शाह के हाथ में आ गई। इस चुनाव के बाद अमित शाह का कद बढ़ गया।
1996 में एक बार फिर अमित शाह को फिर यह अवसर मिला। इसके बाद अमित शाह एक छोटे नेता की छवि से बाहर आ गए। अब वे एक ऐसे नेता के रूप में सामने आए, जो चुनाव-प्रबंधन में माहिर है। गुजरात में बैंकों से लेकर दूध तक जुड़ी को-ऑपरेटिव्ह संस्थाओं पर कांग्रेस का कब्जा था। अमित शाह ने इन संस्थाओं पर भगवा फहराने की शुरुआत की। 1998 में अमित शाह अहमदाबाद जिला को-ऑपरेटिव्ह बैंक के चेयरमेन बने। 2004 में अहमदाबाद के बाहर के क्षेत्र में एक फर्जी एनकाउंटर में 19 वर्षीय इशरत जहां, जीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या हो गई। गुजरात पुलिस ने यह दावा किया कि गोधरा के दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने कोर्ट से अपील की कि अमित शाह को भी आरोपी बनाया जाए। इसके बाद 15 मई 2014 को सीबीआई ने पर्याप्त सबूत के अभाव में पिल्लई के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। एक समय ऐसा भी आया, जब सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकाउंटर के मामले में उन्हें 25 जुलाई 2010 को अरेस्ट भी कर लिया गया। उन पर आरोप था कि इस फर्जी एनकाउंटर में उनका भी हाथ है। इस संबंध में सबसे बड़ा खुलासा उनके खास रह चुके गुजरात पुलिस के सस्पेंडेड अधिकारी डीजी वंजारा ने किया।
भारतीय राजनीति में एक कहावत है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। नेहरू से लेकर अटल बिहार वाजपेयी के शासनकाल तक यह कहावत भारतीय राजनीति में सही साबित हुई। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू स्वयं इलाहाबाद से जीतकर आए थे। अमित शाह ने 12 जून 2013 को भाजपा का उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। तब उत्तर प्रदेश में भाजपा की केवल 10 सीटें थीं। अमित शाह के संगठन का कौशल और नेतृत्व क्षमता का पता तब चला जब सोलहवीं लोकसभा का चुनाव परिणाम आया, जिसमें उत्तर प्रदेश की 71 सीटों पर भगवा फहराया गया। यह भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। इस जादुई जीत के शिल्पकार थे, अमित शाह। इससे उनका कद इतना बढ़ गया कि उन्हें पार्टी प्रमुख की कमान दे दी गई। इससे सभी को लगा कि हमें राजनीति का नया चाणक्य मिल गया।
इस तरह से अमित शाह राजनीति की शुरुआत से अभी तक चाणक्य की भूमिका में ही दिखाई दिए हैं। अमित शाह को नरेंद्र मोदी का चाणक्य के रूप में पहचान मिली है। दोनों की दोस्ती प्रगाढ़ है और दिनों-दिन और प्रगाढ़ होती जा रही है। कुछ लोग इस जोड़ी को शोले की जय-वीरु की जोड़ी बताने में भी संकोच नहीं करते। मोदी और शाह एक सिक्के के दो पहलू हैं। नरेंद्र मोदी की राजनीति की परीक्षा में वे हमेशा खरे उतरे हैं। सभी बड़े निर्णयों में दोनों की सहमति आवश्यक होती है। अमित शाह को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में नरेंद्र मोदी की अहम भूमिका है। नरेंद्र मोदी एक मध्यम परिवार से आते हैं और शाह एक सुखी सम्पन्न परिवार के साथ संबंध रखते हैं।
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मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस
how to invest in us market from india-टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के शेयर रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. इन कंपनियों की तेजी का फायदा आप भी उठा सकते हो. आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं.
भारतीयों में विदेशी शेयरों, खासकर अमेरिकी कंपनियों (US Companies) के शेयरों में निवेश का चलन तेजी पकड़ बना रहा है. अगर आप भी घर बैठे एपल, गूगल, टेस्ला जैसे शेयरों को खरीदने के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. अमेरिकी कंपनी ऐप्पल (Apple) की कुल मार्केट वेल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गई है. टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी तेजी से अमीर होती जा रही हैं. इन कंपनियों की तेजी से होती ग्रोथ को देखकर भारत से भी कई निवेशक अमेरिकी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं. यह संभव हो सका है विदेश में निवेश करने वाले फंड के जरिए.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया यानी एंफी की मानें तो 2021 में जनवरी से नवंबर के दौरान विदेश में पैसा लगाने वाले फंड्स ऑफ फंड्स में 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है.
Apple Google और Amazon जैसी अमीर कंपनियों के शेयर खरीदने का पूरा प्रोसेस-विदेश में निवेश करने का सबसे आसान तरीका फंड ऑफ फंड्स यानी FoF रूट ही है. विदेशी फंड ऑफ फंड ऐसे ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं जो वैश्विक शेयरों में पैसा लगाते हों. ऐसे फंड ऑफ फंड्स की होल्डिंग में एक या एक से वैश्विक ग्लोबल फंड शामिल हो सकते हैं. हालांकि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए सिर्फ विदेशी फंड ऑफ फंड्स ही एक तरीका नहीं है… कई और भी तरीके हैं, आइए उन्हें जानते हैं…
(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश
विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.
(2) इंडेक्स फंड
एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.
(3) अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ में निवेश
वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.
(4) एक वैश्विक ब्रोकर सीधा निवेश
ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.
(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)
आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.
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सीएक्सएम डायरेक्ट पर ट्रेड
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सीएक्सएम डायरेक्ट पर ट्रेड
सीएक्सएम डायरेक्ट एलएलसी सीएक्सएम ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा है। CXM Direct LLC का द फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर, स्टोनी ग्राउंड, किंग्सटाउन, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनाडाइन्स, VC0100 "कंपनी नंबर 444LLC2020 IBC" में इसका व्यावसायिक पता है।
कंपनी के उद्देश्य सभी विषय हैं जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कंपनियों (संशोधन और समेकन) अधिनियम, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडाइन्स के संशोधित कानूनों के अध्याय 149 द्वारा निषिद्ध नहीं हैं, विशेष रूप से, लेकिन विशेष रूप से सभी वाणिज्यिक, वित्तीय, उधार, उधार नहीं, व्यापार, सेवा गतिविधियों और अन्य उद्यमों में भागीदारी के साथ-साथ मुद्राओं, वस्तुओं, अनुक्रमित, सीएफडी और लीवरेज्ड वित्तीय साधनों में ब्रोकरेज, प्रशिक्षण और प्रबंधित खाता सेवाएं प्रदान करना।
सीएक्सएम प्राइम अल्केमी प्राइम लिमिटेड (इंग्लैंड और वेल्स कंपनी नंबर ०८६९८९७४ में पंजीकृत एक कंपनी है, जो फर्म संदर्भ संख्या ६१२२३३ के तहत यूके के वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए) द्वारा अधिकृत और विनियमित है) का एक व्यापारिक नाम है। यूके के कार्यालय 13 लेडेन स्ट्रीट, लंदन E1 7LE यूनाइटेड किंगडम में स्थित हैं। सीएक्सएम प्राइम 2 असंबंधित कंपनियों, अल्केमी प्राइम लिमिटेड, एफसीए पंजीकरण 612233 और सीएक्सएम डायरेक्ट एलएलसी, सेंट विंसेंट के पंजीकरण 444एलएलसी2020 के बीच संयुक्त उद्यम को परिभाषित करने के एक वैश्विक ब्रोकर लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है, जिसमें सीएक्सएम डायरेक्ट एलएलसी मुख्य रूप से उन पेशेवर ग्राहकों के लिए अल्केमी प्राइम लिमिटेड के परिचयकर्ता के रूप में कार्य करता है एक एफसीए पंजीकृत फर्म के साथ व्यापार।
CXM Global मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग के अंतर्गत निवेश डीलर लाइसेंस संख्या GB21026337 द्वारा नियंत्रित किया जाता है .
क्षेत्रीय प्रतिबंध: सीएक्सएम डायरेक्ट एलएलसी अल्जीरिया, यूएसए, कनाडा, चीन, ईरान, सीरिया, उत्तर कोरिया, म्यांमार, सूडान और सीरिया के निवासियों को सेवाएं प्रदान नहीं करता है।
जोखिम चेतावनी: विदेशी मुद्रा और सीएफडी ट्रेडिंग में उच्च स्तर का जोखिम होता है जो सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। लेवरेज या उत्तोलन अतिरिक्त जोखिम और नुकसान की संभावना पैदा करता है। इससे पहले कि आप विदेशी मुद्रा का व्यापार करने का निर्णय लें, अपने निवेश उद्देश्यों, अनुभव स्तर और जोखिम सहनशीलता पर ध्यान से विचार करें।
आप अपना कुछ या पूरा निवेश खो सकते हैं; उस पैसे का निवेश न करें जिसे आप खोना बर्दाश्त नहीं कर सकते। विदेशी मुद्रा व्यापार से जुड़े जोखिमों के बारे में खुद को शिक्षित करें, और यदि आपके कोई प्रश्न हैं तो एक स्वतंत्र वित्तीय या कर सलाहकार से सलाह लें। अधिक जानकारी के लिए सीएक्सएम उत्तोलन नीति पर जाएं।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफ़ॉर्म Upstox बना “यूज़र डेटा लीक” का नया शिकार
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रांची आधारित डेयरी स्टार्टअप Puresh Daily ने हासिल किया ₹1.2 करोड़ का निवेश
आशुतोष कुमार सिंह
भारत के दूसरे सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म Upstox के क़रीब 2.5 मिलियन (25 लाख) यूज़र्स का डेटा लीक होने की बात सामने आई है। इस डेटा लीक की रिपोर्ट को कंपनी ने भी स्वीकार किया है।
असल में साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजघरिया के अनुसार, हैकर ग्रुप ShinyHunters द्वारा Upstox के क़रीब 2.5 मिलियन (25 लाख) यूज़र्स का ईमेल, डेट ऑफ बर्थ, पासपोर्ट, पैन आदि डेटा और 56 मिलियन KYC डेटा फाइलें लीक हुईं हैं।
माना जाता है कि पिछले साल कई भारतीय स्टार्टअप्स के प्लेटफ़ॉर्म जैसे Dunzo, BigBasket, JusPay, ChqBook आदि में हुए डेटा लीक में ये हैकिंग ग्रुप भी शामिल था।
इस बीच राजघरिया ने कहा कि यह डेटा ब्रीच अमेज़न वेब सर्विस (AWS) से संबंधित ख़ामी के चलते हुआ है। याद दिला के MobiKwik के डेटा ब्रीच के पीछे भी कुछ ऐसे ही कारणों का हवाला दिया गया था।
इस सब के बीच दिलचस्प ये रहा कि Upstox ने इस लीक की बात को स्वीकारते हुए, अपने प्लेटफ़ॉर्म की सुरक्षा को अपग्रेड करने की बात कही है। कंपनी ने अपने एक ब्लॉग में कहा है;
“हमने हाल ही में एक वैश्विक साइबर-सुरक्षा फर्म के कहने पर अपनी सुरक्षा प्रणालियों को कई गुना बेहतर करने का काम किया है। हमनें अपने डेटाबेस को अनधिकृत तरीक़े से एक्सेस किए जाने जैसे दावों की जानकारी के बाद विश्व स्तरीय मानकों के आधार पर प्लेटफ़ॉर्म की सुरक्षा को अपग्रेड किया है।”
ग़ौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में इतिहास के कुछ सबसे बड़े डेटा लीक दर्ज किए गए हैं, वो भी दिग्गज़ प्लेटफ़ॉर्मों पर। उदाहरण के लिए Mobikwik के क़रीब 100 मिलियन यूज़र्स के डेटा लीक होने की रिपोर्ट की बात हो, या Facebook के क़रीब 500 मिलियन यूज़र्स के डेटा लीक की बात हो या फिर हाल ही में LinkedIn के 500 मिलियन से अधिक यूज़र्स के डेटा लीक होने की ख़बर हो, इन सब में विश्व स्तर पर दिग्गज़ मानीं जाने वाली कंपनियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
लेकिन इनमें से कई कंपनियों ने ऐसी रिपोर्ट्स सामने आते ही सिरे से लीक जैसे दावों को ख़ारिच किया है, एक वैश्विक ब्रोकर और यहाँ तक कि प्रभावित यूज़र्स को इसके बारे में कोई जानकारी आदि भी नहीं प्रदान की है।
इसी बीच भारतीय कंपनी Upstox ने ब्रीच के बारे में अपने तमाम ग्राहकों को यह आश्वासन दिया है कि प्लेटफ़ॉर्म पर उनके तमाम शेयर और फंड सुरक्षित हैं और कंपनी ने अपने सर्वर पर सुरक्षा उपायों को और भी पुख़्ता किया है।
Credits: Upstox
बता दें दिल्ली आधारित Upstox अपने ग्राहकों को शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देता है, और इसके निवेशकों की लिस्ट में Tiger Global और Tata जैसे दिग्गज़ नाम शुमार हैं।
इस बीच कम्पनी का कहना है कि इसने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षा संबंधित अन्य संभावित ख़ामियों का पता लागने और उनमें सुधार के लिए एथिकल हैकरों को प्रोत्साहित करने के मक़सद से अपने बग बाउंटी कार्यक्रम का भी विस्तार किया है। बता दें Upstox इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आधिकारिक भागीदारों में से एक है।
इस ख़बर के बाद कंपनी ने अपने ग्राहकों से यूनिक पासवर्ड का उपयोग करने और ओटीपी को एक वैश्विक ब्रोकर दूसरों के साथ शेयर न करने जैसी चीज़ों का पालन करने की अपील की है। और साथ ही कंपनी ने ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बेचने के लिए किसी भी भेजे गए लिंक को खोलने से पहले सेंडर की वैधता की जांच करने पर भी ज़ोर दिया है।
सेबी के पंजीकृत बाजार मध्यस्थों के लिए उद्योग का दर्जा चाहते हैं शेयर ब्रोकर
सेबी के पंजीकृत बाजार मध्यस्थों के लिए शेयर ब्रोकर उद्योग का दर्जा चाहते हैं. इस कदम से बाजार मध्यस्थों पर अवांछित अंकुश हट सकेंगे. इससे वैश्विक स्तर की वित्तीय सेवा कंपनियों को बनाने में मदद मिलेगी.
Published: November 29, 2022 4:18 PM IST
शेयर ब्रोकरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने आम बजट से पहले सरकार से सेबी के पास पंजीकृत मध्यस्थ इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने की मांगी है. साथ ही संघ ने प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) एवं जिंस लेनदेन कर (CTT) को पूरी तरह से समाप्त करने का आग्रह किया है.
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इसके अलावा एएनएमआई ने एक लाख रुपये तक के लधु अवधि के पूंजीगत लाभ पर कर छूट की मांग की है और लाभांश पर कर की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है.
करीब 900 ब्रोकरों के समूह एएनएमआई ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता को आगामी बजट के लिए भेजे सुझावों में सेबी-पंजीकृत बाजार मध्यस्थों के लिए उद्योग का दर्जा मांगा है.
इस कदम से बाजार मध्यस्थों पर अवांछित अंकुश हट सकेंगे. इससे वैश्विक स्तर की वित्तीय सेवा कंपनियों को बनाने में मदद मिलेगी.
एएनएमआई का मानना है कि एसटीटी और सीटीटी को पूरी तरह समाप्त करने का मामला बनता है. उसने कहा कि भारत की एकमात्र देश है जहां डेरिवेटिव्स और जिंस खंड में एसटीटी और सीटीटी शुल्क लगाया जाता है.
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