कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच

अपना ब्रैंड या कारोबार शुरू करने के लिए, डोमेन विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच नाम चुनना सबसे ज़रूरी कदमों में से एक है. लोग सबसे पहले आपका डोमेन नाम ही देखते हैं. यह आपकी वेबसाइट और ब्रैंड को लेकर उनकी सोच पर असर डाल सकता है. ध्यान से चुना गया डोमेन नाम, आपके कारोबार में उपयोगकर्ताओं की दिलचस्पी बढ़ा सकता है और आपकी साइट पर ज़्यादा ट्रैफ़िक ला सकता है. दूसरी तरफ़, इसमें लापरवाही करने से इसके उलट नतीजे मिल सकते हैं.

वैसे हमेशा ऐसा ही हो, यह ज़रूरी नहीं है और यहां कुछेक तय नियम ही काम करते हैं. हालांकि, यहां ऐसा नाम चुनने के लिए कुछ तरीके बताए गए हैं जो आपके ब्रैंड के बारे में सटीक जानकारी दे. साथ ही, उसे आगे बढ़ाने में मदद करे.

डोमेन का एक अच्छा नाम बनाने का तरीका

लंबाई
डोमेन का नाम जितना छोटा हो उतना ही अच्छा होता है. छोटे नामों को याद रखना और लिखना आसान होता है. इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता आपको आसानी से खोज सकते हैं. डोमेन नाम छोटा हो, तो वह अलग से दिखाई देता है. डोमेन का नाम दो-तीन शब्दों से ज़्यादा न हो, तो अच्छा है.

आसान नाम
आप चाहते हैं कि लोग आपके डोमेन का नाम याद रखें और उसे सही से लिखें. मुश्किल या असामान्य शब्दों या नामों को याद रखना और उनको सही से लिखना मुश्किल होता है.

कीवर्ड
आपके कारोबार या सेवा से मिलते-जुलते शब्द, विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच आपको खोजने और पहचानने में उपयोगकर्ताओं की मदद करते हैं. इनसे उपयोगकर्ता एक नज़र में पहचान लेते हैं कि आप क्या करते हैं. कीवर्ड में यह शामिल हो सकता है कि आप क्या करते हैं, क्या उपलब्ध कराते हैं (जैसे कि “कॉफ़ी” या “साफ़-सफ़ाई”) या आपकी जगह की जानकारी. डोमेन के नाम में अपनी जगह की जानकारी (जैसे “दिल्ली”) जोड़ने से आपको स्थानीय ग्राहक और उपयोगकर्ताओं को टारगेट करने में मदद मिल सकती है.

ब्रैंड का नाम
आपके डोमेन के नाम से आपके ब्रैंड और ब्रैंड से आपके विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच डोमेन के नाम का पता चलना चाहिए. ब्रैंड तैयार करने में समय लग सकता है. आपके डोमेन में आपके खास ब्रैंड का नाम शामिल करने से, आप अलग से दिखाई देते हैं, आपको पहचान मिलती है, और आपकी वेबसाइट पर आने वालों की संख्या बढ़ जाती है. ब्रैंड का नाम और डोमेन का नाम बनाते समय, ध्यान रखें कि आप किसी मौजूदा ब्रैंड का नाम या ट्रेडमार्क इस्तेमाल न करें.

वेबसाइट का नाम
आपके डोमेन का नाम और ब्रैंड का नाम एक जैसा या जितना हो सके उतना मिलता-जुलता होना चाहिए. ऐसा न हो कि लोग आपके डोमेन का नाम लिखें और किसी दूसरी वेबसाइट पर चले जाएं.

डोमेन का नाम विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच अच्छा होना चाहिए, बहुत बढ़िया न भी हो तो चलेगा
ज़्यादातर लोग, डोमेन का बहुत बढ़िया नाम खोजने में काफ़ी समय बर्बाद कर देते हैं. उस समय का इस्तेमाल वे डोमेन के एक अच्छे नाम के साथ एक बेहतरीन ब्रैंड तैयार करने के लिए कर सकते थे. ऐसा न हो कि आप डोमेन का बहुत बढ़िया नाम खोजते-खोजते कारोबार या प्रोजेक्ट शुरू करने का अपना कीमती समय बर्बाद कर दें.

.com से बेहतर विकल्प

सबसे आम डोमेन के आखिरी शब्द या टीएलडी (डोमेन के नाम में डॉट के बाद विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच का हिस्सा) .com है, लेकिन अब कई तरह के टीएलडी मिलने लगे हैं. इनमें .academy से लेकर .coffee और .photography भी उपलब्ध हैं. आपको ऐसे नए टीएलडी की पूरी सूची मिल सकती है जो Google Domains, इस पेज पर देता है.

आपके पास टीएलडी के कई विकल्प होते हैं, अब ब्रैंड के पास अलग-अलग डोमेन का नाम बनाने के खास विकल्प हैं. डोमेन के ये नाम ब्रैंड के उद्देश्य और उनकी सेवाओं की कीमत के बारे में साफ़ तौर पर और तुरंत जानकारी देते हैं. नए टीएलडी हाल ही में बाज़ार में आए हैं. इसलिए, डोमेन के छोटे और याद रखने लायक नाम अब भी उपलब्ध हैं. एक और खासियत: इनसे आपकी खोज की रैंकिंग पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता. हालांकि, कई लोग अब भी .com का ही इस्तेमाल करते हैं. इसलिए बहुत से कारोबार भी अपने डोमेन के नाम का .com वर्शन खरीदते हैं. इसके बाद, इस डोमेन से लोगों को अपनी मुख्य वेबसाइट पर ले जाते हैं.

डोमेन के पुराने और नए, आखिरी शब्दों के बीच चुनने के तरीके को लेकर हमारी पोस्ट में, टीएलडी के बारे में पूरी जानकारी पाएं और देखें कि उनमें से कौनसा टीएलडी आपके लिए सही है .

इनसे बचें

कुछ बातों से आपके डोमेन के बारे में लोगों की राय पर असर हो सकता है, जैसे कि:

  • आपके नाम में मौजूद नंबर या डैश. इन वर्णों को लिखना मुश्किल होता है. इनकी वजह से आपकी वेबसाइट और कारोबार पर लोगों का भरोसा कम हो सकता है.
  • मज़ाकिया स्पेलिंग या ऐसे शब्द जो अलग-अलग तरीकों से लिखे जा सकते हैं (जैसे कि “way” या “too”). इनसे लोगों के लिए, आपकी साइट को ढूंढना मुश्किल हो सकता है.
  • गलत स्पेलिंग. इनसे लोगों को शक हो सकता है कि आपकी साइट कोई फ़िशिंग (धोखाधड़ी वाली) या मैलवेयर साइट तो नहीं है.
  • ऐसे ट्रेडमार्क और ब्रैंड के नाम जो दूसरी कंपनियां इस्तेमाल करती हैं. आपके डोमेन के नाम में इनका इस्तेमाल कभी नहीं किया जाना चाहिए. ऐसी कोशिश करने पर आपके ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और आपका डोमेन बंद किया जा सकता है.

अब आपको कुछ ज़रूरी दिशा-निर्देशों के बारे में पता चल गया है. आगे हम बेहतर जानकारी पाएंगे, नई चीज़ें खोजेंगे, और देखेंगे कि कौनसे डोमेन उपलब्ध हैं. जब आप इस प्रोसेस पर काम करें, तब विकल्प के तौर पर डोमेन के कुछ दूसरे नाम सोचकर रखें. ऐसा इसलिए क्योंकि, हो सकता है कि आपको डोमेन का जो नाम चाहिए वह उपलब्ध न हो.

क्या आप डोमेन का शानदार नाम ढूंढने के लिए तैयार हैं? अब आप domains.google पर खोजना शुरू करें.

Adani Wilmar सहित इन 4 कंपनियों ने 2022 में दिया मल्टीबैगर रिटर्न, 84% IPO इश्यू प्राइस से ऊपर

Best Performing IPOs : एनालिस्ट्स ने कहा, प्राइमरी मार्केट में सुस्ती की मुख्य वजह लिक्विडिटी में कमी, वैश्विक चिंताओं के कारण पैदा अनिश्चितता और हाल में लिस्टेड कंपनियों में तेज गिरावट से आईपीओ मार्केट का सेंटीमेंट बिगड़ना रही हैं। वर्ष 2022 में 32-34 इश्यू के जरिये 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाई गई। हालांकि, इस साल लिस्ट हुए 84 फीसदी से ज्यादा आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं

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Best Performing IPOs in 2022 : 2021 में शानदार प्रदर्शन के बाद, 2022 में मुख्य रूप से प्राइमरी मार्केट में सुस्ती देखने को मिली। इसकी मुख्य वजह शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव रहा। कई एनालिस्ट्स ने माना विकल्प कारोबार के लिए सबसे अच्छा मंच कि प्राइमरी मार्केट में सुस्ती की मुख्य वजह लिक्विडिटी में कमी, वैश्विक चिंताओं के कारण पैदा अनिश्चितता और हाल में लिस्टेड कंपनियों में तेज गिरावट से आईपीओ मार्केट का सेंटीमेंट बिगड़ना रही हैं। वर्ष 2022 में 32-34 इश्यू के जरिये 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाई गई। हालांकि, एनालिस्ट्स ने माना कि इस साल लिस्ट हुए 84 फीसदी से ज्यादा आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।

इन वजहों से दिखी कमजोरी

न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफीशिएंट इक्विटीज लिमिटेड के फाउंडर और डायरेक्टर मनोज डालमिया (Manoj Dalmia) ने कहा, “लिक्विडिटी में कमी, वैश्विक चिंताओं के कारण नई लिस्टेड कंपनियों में खासी कमजोरी देखने को मिली है। ये इश्यू ज्यादातर ओएफएस थे। इस साल प्राइमरी मार्केट काफी हद तक सपाट रहा है।”

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हेम सिक्योरिटीज (Hem Securities) की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट आस्था जैन (Astha Jain) ने कहा कि लगभग तीन-चौथाई इश्यू की लिस्टिंग पॉजिटिव रही और लगभग इतने ही इश्यू लिस्टिंग के बाद इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ब्याज दरों में बढ़ोतरी, फाइनेंसिंग में कमी के कारण मार्केट सेंटीमेंट बिगड़ गया है।”

इन आईपीओ ने दिखाया दम

Electronics Mart और Dreamfolks Services बाजार में 50 फीसदी से ज्यादा प्रीमियम पर लिस्ट हुए। इसके बाद हर्षा इंजीनियर्स ( Harsha Engineers), डीसीएक्स सिस्टम्स (DCX Systems) और हरिओम पाइप्स (Hariom Pipes) का भी दमदार प्रदर्शन रहा। एलआईसी और आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज ने पहले दिन ही खासा निराश कर दिया।

प्रभुदास लीलाधर प्रा. लि. के हेड एडवाइजरी विक्रम कसात ने कहा, “अडानी विल्मर (Adani Wilmar) 2022 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आईपीओ के रूप में सामने आया है। इसके बाद Hariom Pipe Industries रही। भले ही आईपीओ की संख्या 2021 की 65 की तुलना में 2022 में आधी होकर 31 रह गई, लेकिन इन्होंने अभी तक औसतन लगभग 25 फीसदी रिटर्न दिया है। 2022 में कंपनियों ने 58,346 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि बीते साल 1.31 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे।” उन्होंने कहा, Adani Wilmar, Venus Pipes, Hariom Pipe और Veranda Learning के शेयर इस साल मल्टीबैगर साबित हुए। उन्होंने लिस्टिंग के बाद 106-177 फीसदी तक रिटर्न दिया। इसके बाद Patanjali Foods, Prudent Corporate और Vedant Fashions 50 फीसदी या ज्यादा मजबूत हो चुके हैं।

IPL 2023: भुवनेश्वर कुमार या मयंक अग्रवाल? आकाश चोपड़ा ने बताया किसे बनाना चाहिए SRH का अगला कप्तान

आकाश चोपड़ा ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें भुवनेश्वर कुमार को कप्तान बनाना चाहिए। मयंक अग्रवाल एक विकल्प है, लेकिन मैं कहूंगा कि ऐसा मत करो क्योंकि बतौ कप्तान उनका एक साल वह अच्छा नहीं रहा।

IPL 2023: भुवनेश्वर कुमार या मयंक अग्रवाल? आकाश चोपड़ा ने बताया किसे बनाना चाहिए SRH का अगला कप्तान

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि सनराइजर्स हैदराबाद को आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2023 सीजन के लिए मयंक अग्रवाल की जगह भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को कप्तान बनाना चाहिए। पिछले सीजन इस टीम के कप्तान केन विलियमसन थे, मगर बल्ले से उनकी खराब फॉर्म को देखते हुए टीम ने उनका साथ छोड़ दिया। अब टीम अपने नए कप्तान की तलाश में है जिसके लिए उन्होंने नीलामी में मयंक अग्रवाल को भी मोटी रकम में अपनी टीम में शामिल किया है। चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा कि भुवनेश्वर को मयंक अग्रवाल के ऊपर SRH का कप्तान बनाया जाना चाहिए।

आकाश चोपड़ा ने कहा 'मुझे लगता है कि उन्हें भुवनेश्वर कुमार को कप्तान बनाना चाहिए। मयंक अग्रवाल एक विकल्प है। लेकिन मैं कहूंगा कि ऐसा मत करो क्योंकि वह बहुत अच्छा खेलता है और कप्तान के रूप में एक साल वह अच्छा नहीं रहा। आप उसपर क्यों दबाव डाल रहे हैं?'

इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने आगे कहा कि SRH ने आगामी सीजन के लिए एक बहुत अच्छी टीम बनाई है और इस नीलामी में उन्होंने ऑलराउंडर की जगह स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका फायदा टीम को इंपैक्ट प्लेयर के विकल्प के रूप में मिलेगा।

चोपड़ा ने कहा 'उन्होंने एक बहुत अच्छी टीम बनाई है। उन्होंने इस सोच के साथ पैसा खर्च किया है कि उन्हें विशेषज्ञों की आवश्यकता है और हरफनमौला खिलाड़ियों पर उन्होंने पैसा नहीं लुटाया। साधारण कारण यह है कि आप इंपैक्ट खिलाड़ी के माध्यम से हरफनमौला की अनुपस्थिति के लिए तैयार कर सकते हैं।'

आकाश ने आगे कहा कि एकमात्र खिलाड़ी SRH को नहीं मिल सका, वह इंग्लैंड के बेन स्टोक्स थे। उन्होंने कहा कि वे उन्हें वैसे भी कप्तानी के विकल्प के रूप में नहीं देख रहे थे।

उन्होंने कहा 'हम सभी को लगा कि जब वह बोली लगाएगी तो कोई उन्हें नहीं रोक पाएगा क्योंकि उनके पास 42 करोड़ रुपए थे। उन्होंने 13 खिलाड़ियों पर बोली लगाई जिसमें 12 खिलाड़ी उन्हें मिले। एकमात्र खिलाड़ी बेन स्टोक्स उन्हें नहीं मिल पाए और मुझे नहीं लगता कि इससे उन्हें कोई दिक्कत होगी क्योंकि वह स्टोक्स के कप्तानी की नजर से नहीं देख रहे थे।'

तालिबान का महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगाना निराशाजनक: बिलावल भुट्टो

इस्लामाबाद,:पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी कहा कि तालिबान का महिलाओं की उच्च शिक्षा एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा पर प्रतिबंध लगाना बेहद निराशाजनक फैसला है, लेकिन इस मसले पर सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि अफगानिस्तानी शासकों से बातचीत के जरिए जुड़े रहें।

श्री भुट्टो ने मंगलवार को अपनी वाशिंगटन यात्रा के दौरान यह बात कही थी। उन्होंने कहा, “मैं तालिबान के इस फैसले से बेहद निराश हूँ, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हमारे लक्ष्य का सबसे आसान रास्ता – महिला शिक्षा और अन्य चीजों की बात आने पर बहुत सी बाधाओं के बावजूद काबुल और अंतरिम सरकार से इस बातचीत के जरिए जुड़े रहें।”

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में और ज्यादा अस्थिरता पैदा करना या इस्लामिक स्टेट समूह को आगाह करते हुए कहा कि यहां तालिबान का कोई विकल्प नहीं है।

तालिबान ने अपने 1996-2001 शासनकाल के दौरान अपना नरम रवैया अपनाने का वादा किया था, लेकिन मंगलवार को उसने महिलाओं की कॉलेज शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि इससे पहले ही तालिबान लड़कियों की माध्यमिक स्कूली शिक्षा पर प्रतिबंध लगा चुका है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने चेतावनी दिया है कि तालिबान के निर्णय सकारात्मक संबंधों की संभावना तलाशने के लिए स्थायी रूप हो सकते हैं। पिछले वर्ष अमेरिका ने अफगानिस्तान से सेना की वापसी की थी।

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