बिटकॉइन किसने बनाया था? रहस्य्मय सातोशी नकामोटो [2022] | Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
दोस्तों क्या आप भी यह जानना चाहते हो की बिटकॉइन किसने बनाया था और इसका मालिक या फाउंडर कौन है? तो यह पोस्ट पूरा पढ़ें आपके सवाल का जवाब आपको आसान भाषा में मिल जाएगा – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
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बिटकॉइन किसने बनाया था? – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
बिटकॉइन का फाउंडर सातोशी नकामोटो है लेकिन इसका मालिक सभी हैं (जो बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े हैं) क्यूंकि यह decentralize है मतलब इसे कोई एक इंसान या कंपनी कण्ट्रोल नहीं करता है। क्रिप्टोकोर्रेंसी के दुनिया में वैसे तो बहुत सारे सवाल हैं लेकिन उनमे से सबसे बड़ा सवाल यह है की बिटकॉइन को किसने बनाया था?
साल 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद सातोशी नकामोटो नामक इंसान द्वारा एक वेबसाइट पर एक रिसर्च पेपर अपलोड किया गया जिसका नाम था “Bitcoin : Peer-to-Peer Network Electronic Cash System”.
इस रिसर्च पेपर में बिटकॉइन के बारे में सब कुछ बताया गया था जैसे की बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? दुनिया में कुल कितने बिटकॉइन होंगे? Bitcoin की जरुरत क्यों हैं इत्यादि।
लेकिन आज तक यह नहीं मालूम चल सका की सातोशी नकामोटो जिसने बिटकॉइन का निर्माण किया था वह कौन हैं? कई लोगों का कहना है की Satoshi Nakamoto कंपनी का नाम भी हो सकता है जैसे की Samsung Toshiba Nakamichi Motorola.
हालाँकि अभी तक यह बात साबित नहीं हो पाया है की असल में सातोशी नकामोटो अर्थात बिटकॉइन का फाउंडर कौन है?
बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है जो 12 साल से थोड़ा अधिक पुराना है। 2008 में रहस्यमय सातोशी नाकामोतो द्वारा इसका आविष्कार किया गया था और 2009 की शुरुआत में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। पहला बिटकॉइन लेनदेन नाकामोटो और जनवरी 2009 में बिटकॉइन के शुरुआती अपनाने वाले के बीच हुआ था।
एक बार जब आप अपने फोन या कंप्यूटर पर बिटकॉइन वॉलेट स्थापित करते हैं, तो एक बिटकॉइन पता उत्पन्न होता है। आप इस पते को उन परिचितों के साथ साझा कर सकते हैं जो इसका उपयोग आपको भुगतान करने के लिए कर सकते हैं या इसके विपरीत। यह ठीक उसी तरह है जैसे ईमेल काम करता है। पकड़ यह है कि बिटकॉइन पते केवल एक बार उपयोग किए जाने के लिए हैं
चूंकि वे डिजिटल में मौजूद हैं न कि भौतिक दुनिया में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। बिटकॉइन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आए। आलोचकों का मानना है कि संकट ने बिटकॉइन का जन्म देखा, जो बैंकिंग प्रणाली को बायपास कर सकता था।
बिटकॉइन तीन मुख्य सिद्धांतों पर काम करते हैं – क्रिप्टोग्राफी, मांग और आपूर्ति, और विकेंद्रीकृत नेटवर्क। विकेंद्रीकृत नेटवर्क में, डेटा हर जगह होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेडियो संदेशों को कोड में कैसे परिवर्तित किया गया था, बिटकॉइन लेनदेन डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है।
पिछले 7 वर्षों में (2014 की रिपोर्ट के बाद से) बिटकॉइन का उठाव काफी असाधारण रहा है। लगभग 6.2 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्य से, फरवरी 2021 में बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण बढ़े हुए उपयोग और मूल्य के कारण $ 1 ट्रिलियन तक पहुंच गया। इसने इसके चारों ओर एक नया पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाया है।
बिटकॉइन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास से निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को नई चुनौतियों, अवसरों और जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा। सरकारें नियामक और कानून प्रवर्तक के रूप में अपने मिशन को क्रियान्वित करने के लिए नए तरीकों की खोज कर सकती हैं। कॉर्पोरेट इस तकनीक का उपयोग नवीन उत्पादों और सेवाओं के साथ आने के लिए कर सकते हैं।
सार्वजनिक खाता बही में लेन-देन जोड़ने से बिटकॉइन खनन से बिटकॉइन बनते हैं। एक एल्गोरिथम खनन कठिनाई को नियंत्रित करता है और कुल सिक्का निर्माण को 21 मिलियन तक सीमित करता है। चूंकि सिक्के एक नियंत्रित एल्गोरिथम के माध्यम से बनाए और वितरित किए जाते हैं, सिस्टम मुद्रा की मुद्रास्फीति से बचा जाता है और नए सिक्कों का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
आज के समय में बिटकॉइन खरीदना काफी आसान हो गया है:
- सबसे पहले Wazirx एक्सचेंज पर अपना अकाउंट खोलें (code: wpmxdhmr)
- उसके बाद अपना KYC पूरा करें
- अपने बैंक अकाउंट को Wazirx के अकाउंट से लिंक करें
- अब अपने wazirx अकाउंट में पैसे जोड़ें
- उसके बाद Wazirx 100 रुपये में भी बिटकॉइन खरीद सकते हैं
अगर आप क्रिप्टोकोर्रेंसी की दुनिया में नए हैं तो आपको सबसे पहले कम पैसों में बिटकॉइन खरीदना है और कुछ समय तक इसे अच्छे से समझना है की यह काम कैसे करता है उसके बाद ही इसमें बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करें।
हमे आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल बिटकॉइन का मालिक या फाउंडर कौन है? (Bitcoin Ka Malik aur Founder Kaun Hai) इसका जवाब आपको मिल गया होगा तो बिना देर किये आप भी बिटकॉइन टेक्नोलॉजी को समझें और इन्वेस्ट करें।
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
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आजकल के कंप्यूटर वाले दौर में इसका उपयोग बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। लोग या कंपनी अपनी सेवा के बदले भी बिटकॉइन स्वीकार कर रही हैं और बिटकॉइन के साथ खरीदारी भी की जाने लगी है।
Microsoft और Tesla जैसी विश्व की कुछ दिग्गज कंपनियां भी बिटकॉइन के साथ लेनदेन की शुरुआत कर चुकी हैं।
बिट कॉइन क्या है? (Bitcoin kya hai) -
Bitcoin के बारे में आपने सुना ही होगा बिटकॉइन Crypto Currency का एक रूप है।
लैटिन भाषा का शब्द Crypto जिसका मतलब होता है छुपा हुआ और करेंसी का मतलब है मुद्रा, कुल मिलाकर इसका अर्थ होता है छुपी हुई मुद्रा वर्तमान समय में इस शब्द का प्रयोग बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी के लिए किया जा रहा है।
बिटकॉइन पूरी तरह से एक पहली (विकेंद्रीकृत) डिसेंट्रलाइज्ड मुद्रा है जो किसी भी सेंट्रलाइज्ड बैंक द्वारा संचालित नहीं की जा रही है। इसका संचालन पूरी तरह से डिजिटल है जोकि Crypto Graphy Technique एवं हाई स्पीड कंप्यूटर नेटवर्क्स की सहायता द्वारा किया जाता है। क्रिप्टोग्राफी शब्द का अर्थ कोडिंग लैंग्वेज को क्रैक या सुलझाने की कला से है। जो कि बाइनरी (Binary) या 0 और 1 के form में होती है। इस पर विश्व के किसी भी देश या बैंक का Bitcoin का मालिक कौन है? कोई भी हस्तक्षेप नहीं है।
बिटकॉइन के संपूर्ण लेन देन व रख रखाव का (data) डाटा Block Chain Technique (ब्लाक चैन टेक्नीक) तकनीक द्वारा रखा जाता है। इसका मतलब है कि (Bitcoin) बिटकॉइन के valid यूजर द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के लेनदेन को ब्लॉकचेन पर सीक्वेंसली रिकॉर्ड किया जाता है।
जैसा कि अब हम सभी जान चुके हैं कि बिटकॉइन एक वर्चुअल करंसी है और इससे हम केवल अपने वर्चुअल वॉलेट में रख सकते हैं या प्राप्त कर सकते हैं। यह एक सेक्योर वर्चुअल वॉलेट होता है।
बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया -
बिटकॉइन सन 2008 में (Satoshi Nakamoto) सातोशी नाका मोटो द्वारा बनाया गया था। लेकिन इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से सन 2009 में लांच किया गया था।
बिटकॉइन का मालिक कौन है। -
Bitcoin का यूज कोई भी कर सकता है इसका कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं है।
Bitcoin कहा से आते है, कैसे बनता है बिटकॉइन[Producing of Bitcoins]-
Bitcoin बनाने के लिए माइनिंग मेथड (mining method) का उपयोग किया जाता है। इस माइनिंग मेथड का उपयोग करने वालों को माइनर्स कहते हैं।
यह माइनिंग मेथड एक बहुत ही जटिल प्रोसेस होती है। जहा माइनर्स (mining mathematical problem) माइनिंग मैथमेटिकल प्रॉब्लम और (cryptographic problems) क्रिप्टो ग्राफिक प्रॉब्लम्स सुलझाते है। प्रॉब्लम्स सुलझाने के बाद माइनर्स को बिटकॉइन ब्लॉक (Block) के रूप में प्राप्त होते हैं। सीमित संख्या में (produce) प्रोडयूस होने के कारण इसकी मांग वृद्धि देखी जा रही है।
बिटकॉइन का उपयोग कैसे करें [how to use Bitcoin] -
Bitcoin का उपयोग हम केवल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के रूप में कर सकते हैं बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है। जो की हमारे वॉलेट में रजिस्टर रहती है। यह P2P (Peer to Peer Network) नेटवर्क पर काम करती है। अगर हम किए गए बिटकॉइन ट्रांजैक्शन के बारे में पता करना चाहे तो इसका रिकॉर्ड पब्लिक लेजर में दिखाई देता है।
आजकल बिटकॉइन को ट्रांजैक्शन के लिए सबसे तेज और अच्छा माना जाने लगा है इसका एक फायदा यह भी है कि इसमें किसी थर्ड पार्टी का इंटरफेयर ना होने की वजह से यह एक अच्छा प्लेटफार्म साबित हो रहा है।
बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं [is bitcoin legal in India?] -
जी हां बिटकॉइन इंडिया में पूरी तरह से लीगल है हालाकि इस पर भारत सरकार द्वारा यह साफ कर दिया गया है कि criptocurrency या बिटकॉइन किसी भी तरह से वैध मुद्रा नहीं है। सरकार द्वारा अब तक इस पर कोई कानून नहीं बनाया गया लेकिन सरकार अब भी इस बारे में विचाराधीन है। और जल्द ही इस बारे में बिल (Bill) भी लाया जा सकता है।
Bitcoin price (Bitcoin का Rate) -
अभी एक बिटकॉइन की भारतीय रुपए में कीमत 41 लाख 30 हजार से भी अधिक है। हला की बाज़ार की स्तिथि का असर बिटकॉइन के मूल्य पर भी पड़ता है।
इसके अलावा अब आपके पास सातोशी बिटकॉइन की खरीददारी करने का ऑप्शन भी है। आपको बता दे की 1 बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी (Satoshi) होते है।
1 bitcoin = 10,00,00,000 Satoshi
How to purchase Bitcoin in india (Bitcoin में Trade कैसे करते Bitcoin का मालिक कौन है? हैं?) -
हम में से कोई भी बिटकॉइन की खरीद दारी कर सकते है वो भी भारतीय रुपए के हिसाब से।
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी इसकी खरीद दारी के लिए हम Wazirx, Unocoin, Zebpay जैसी websites का सहारा ले सकते है।
Wazirx की साइट में जा कर अपना अकाउंट बना कर आप अपनी खरीददारी शुरू कर सकते है।
बिटकॉइन एक्सचेंज और ट्रेडिंग( Bitcoin Exchange Or Trading ) -
2011 से बिटकॉइन ट्रेडिंग की शुरुआत हुई इसके लिए पहले आपको एक अकाउंट बनाने की जरूरत होगी अकाउंट वेरिफाई करने के बाद आप cart ऑप्शन में जा कर इसकी प्राइस हिस्ट्री देख सकते है और करंट प्राइस भी पता कर सकते है।
बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट कितना सफे है? -
बिटकॉइन सबसे ज्यादा प्रचलित डिजिटल करंसी जरूर है जो कभी कभी कई गुना मुनाफा दे देती है लेकिन इसके कुछ अपने रिस्क (Risk) भी है अगर आप अपना अकाउंट पासवर्ड भूल जाते है तो यह बात आपके ले एक मुसीबत से कम नहीं होगी। इस पर किसी का कंट्रोल ना होने के कारण भी इसकी कीमत में अचानक बड़े बदलाव (कमी या उछाल) देखने को मिल जाते है।
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जो एक तरह से कम कीमत पर Bitcoins खरीदने और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचकर पैसा बनाने के लिए के रूप में इसे देख रहे थे। लेकिन अब व्यवसाय में बिटकॉइन (Bitcoins) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बिटकॉइन
Bitcoin एक डिजिटल सम्पति और एक भुगतान प्रणाली की मुद्रा है जिसका आविष्कार सातोशी नकमोटो ने वर्ष 2008 में किया था और 2009 में Open Source Software के रूप में इसे जारी किया गया है। Bitcoin एक virtual currency यानि आभासी मुद्रा है जो ऑनलाइन/ इलेक्ट्रॉनिक खरीद और हस्तांतरण के लिए उपयोग की जाती है।
आप Bitcoins का उपयोग दोस्तों, रिश्तेदारों व व्यापारिक कामों के लिए कर सकते हैं। हर एक खरीद पर डिजिटल लॉगइन होता है और हस्तांतरण लॉग भी विनिमय के साथ update हो जाता है | इससे साथ के साथ पता चल जाता है कि कौन कितने Bitcoins का मालिक है।
Bitcoins किसी अन्य मुद्रा की तरह ही हैं। वे अन्य मुद्राओं के मूल्य की तरह ही उतार-चढ़ाव में आते रहते हैं। हर बार एक Bitcoin खरीद से इसके स्वामित्व में परिवर्तन होता रहता है तथा विनिमय के समय विक्रेता और खरीददार की mutual agreement पर इसकी कीमत का निर्धारण होता है।
आमतौर पर, Bitcoins का मूल्य इस बात पर निर्भर करता है कि खरीददार किस दर से Bitcoins अन्य को कारोबार में बेचता है। इसका एक उचित मूल्य देना बेचने वाले की जिम्मेदारी है। Bitcoins और अन्य मुद्राओं के बीच अंतर यही है की इसमें कोई केंद्रीकृत बैंक नहीं है जो मुद्रा print करे और मूल्यों का निर्धारण करे। लेन-देन में आपूर्ति और मांग के माध्यम से Bitcoins के मूल्य में उतार चढ़ाव होता रहता है।
कुछ उपयोगकर्ता अपने कंप्यूटर से peer-to-peer network में लेन-देन की पुष्टि करने के लिए कार्य करते हैं। ये उपयोगकर्ता जितनी ज्यादा कंप्यूटिंग शक्ति से नेटवर्क में योगदान देते हैं उसी अनुपात में उन्हें नए Bitcoins मिलते हैं।
एलन मस्क बिटकॉइन के साथ डॉगेकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को क्यों करते हैं पसंद, जानिए यहां
इस बिटकॉइन के मुकाबले इथेरियम ज्यादा रिटर्न दे चुका है। जबकि डॉगेकॉइन का रिटर्न रेश्यो Bitcoin का मालिक कौन है? इथेरियम के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। आइए आपको आंकडों की भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं।
एलन मस्क की फेवरेट क्रिप्टोकरेंसीज 60 फीसदी से लेकर 5000 फीसदी तक का रिटर्न दे चुकी हैं। ( Photo By REUTERS )
एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने हैं। बिटकॉइन को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वालों में से एक एलन मस्क को इथेरियम और डॉगेकॉइन भी काफी पंसद है। जबकि इन दोनों की कीमतें काफी कम है। कम कीमत होने बावजूद एलन मस्क को इन दोनों में दिलचस्पी उनके रिटर्न रेश्यो से है, जोकि इस साल बिटकॉइन के मुकाबले काफी ज्यादा है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इन तीनों ने इस साल निवेशकों कितना रिटर्न दिया है।
बिटकॉइन से करते हैं शुरुआत : बिटकॉइन ने इस साल काफी उतार चढाव देखे हैं। जहां अप्रैल में बिटकॉइन के दाम करीब 65 हजार डॉलर पर पहुंच गए थे। वहीं दो महीने के बाद इसके बाद 30 हजार डॉलर पर पहुंचे थे। लेकिन कुछ दिनों में बिटकॉइन की कीमत में रिकवरी देखने को मिल रही है। अगर बात आज की करें तो करीब 5 फीसदी की तेजी के साथ 46,624 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। जबकि इस साल बिटकॉइन का रिटर्न 60 फीसदी पर पहुंच गया है।
इथेरियम में रिटर्न बिटकॉइन से काफी ज्यादा : वहीं इथेरियम दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी भले ही हो, लेकिन बिटकॉइन के मुकाबले काफी सस्ती है। उसके बाद भी इथेरियम का रिटर्न रेश्यो बिटाकॉइन के मुकाबले काफी बेहतर है। आंकडों पर बात करें तो कुछ महीने पहले इथेरियम के दाम 2 हजार डॉलर भी नहीं थे जो आज 3200 डॉलर से ज्यादा हो गए हैं। बात आज की करें तो करीब 5 फीसदी की तेजी के साथ 3237.40 डॉलर पर कारोबार कर रही है। जबकि इस साल इथेरियम ने 335 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल चुका है।
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डॉगेकॉइन में दिखा रिकॉर्ड रिटर्न : इस जिस क्रिप्टोकरेंसी ने सबसे ज्यादा छलांग लगाई है वो और कोई नहीं, बल्कि डॉगेकॉइन। इसका कारण एलन मस्क। जो आज समय में उनकी पंसदीदा क्रिप्टोकरेंसी में से एक बन चुकी है। उसका कारण उसका रिटर्न रेश्यो इस साल दआज तक 5760 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। अगर बात आज की करें तो डॉगेकॉइन की कीमत में 4 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है और उसके दाम 0.277661 डॉलर पर चल रहे हैं।
भारी उतार-चढ़ाव वाली करेंसी: साल 2022 में कैसी रहेगी क्रिप्टोकरेंसी की चाल, इस साल 7000% तक रही बढ़त
क्रिप्टोकरेंसी में ब्लूचिप मानी जाने वाली करेंसी बिटकॉइन और एथरियम की कीमत साल 2021 में 35 से 40% बढ़ी हैं। हालांकि इसमें काफी उतार-चढ़ाव रहा। बिटकॉइन की कीमत अप्रैल में 51 लाख रुपए तक चली गई थी। मई और जून में यह करीबन 50% गिरकर 28 लाख रुपए तक चली गई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने इस करेंसी को लेकर चिंता जाहिर की थी।
चीन ने लगाया प्रतिबंध
अप्रैल-मई में ही चीन ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने की बात कह दी और कारोबार पर पाबंदी लगा दी। इस वजह से कुछ क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें एक ही घंटे में 30-40% तक गिर गई थीं। सितंबर आते-आते खरीदार फिर लौटे। इसके बाद बिटकॉइन की कीमत फिर से नवंबर में 54 लाख रुपए को पार कर गई। अब 40 लाख रुपए के आस-पास है। इस साल की शुरुआत से यह 32% ऊपर है।
सरकार की नीतियों पर निर्भर रहेगी चाल
अगले साल की बात करें तो क्रिप्टोकरेंसी की चाल बहुत हद तक कई सरकारों की नीतियों पर निर्भर होगी। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो बाजार चीन था, जिसने इस पर सितंबर में प्रतिबंध लगा दिया था। भारत में सरकार इसके रेगुलेशन पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार इसे रेगुलेट करके मंजूरी दे सकती है। हाल में संसद के समाप्त हुए सत्र में इससे संबंधित बिल को लाया जाना था, पर इसे टाल दिया गया।
क्रिप्टो पर रोक लगाने की मांग
इस बिल में सभी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की मांग है। साथ ही कुछ रेगुलेशन के साथ इसे मंजूरी भी दिए जाने की बात इसमें है। वैसे जानकार मानते हैं कि ज्यादा जोखिम वाली क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों को मामूली निवेश करना चाहिए। पिछले कुछ महीने से यह 5 से 6 हजार पर्सेंट बढ़ चुकी है। ऐसे में कोई भी निवेश इसमें आगे घाटा भी दे सकता है। अगर आप जोखिम लेना चाहते हैं तो फिर अपने कुल निवेश का 10% हिस्सा इसमें लगा सकते हैं।
भारी उतार-चढ़ाव होता है
भारी उतार-चढ़ाव भी इस करेंसी में होता है। मई में जिस तरह से इसमें एक ही दिन में की 70-80% तक की गिरावट आई थी, ऐसे में इसी रफ्तार से इसमें कभी भी उतार-चढ़ाव बना रहा सकता है। बिटकॉइन जैसी प्रसिद्ध करेंसी में भी नवंबर में भारी गिरावट आई और वहां से अब तक इसमें 25% तक की कमी आई है। अगर आप इस तरह के उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम हैं तो फिर आप इसमें निवेश कर सकते हैं।
विश्नसनीय प्लेटफॉर्म को चुनें
निवेश करने के लिए आपको एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म को चुनना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में यह रेगुलेटेड नहीं है। ढेर सारे प्लेटफॉर्म इस करेंसी के हैं। आपको एक अच्छे और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के जरिए इसमें निवेश करना चाहिए। अगर आप किसी विदेशी प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश करना चाहते हैं तो फिर आपको टैक्स के मोर्चे पर ढेर सारे कंप्लायंस पूरे करने होंगे।
टिप्स पर भरोसा न करें
आपको निवेश के लिए किसी टिप्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए। ठीक उसी तरह, जैसे आप शेयर बाजार में ढेर सारे टिप्स पर भरोसा नहीं करते हैँ। क्रिप्टो में भरोसेमंद डेटा नहीं मिलते हैं। निवेशक सोशल मीडिया की गलत जानकारियों के आधार पर इसमें पैसे लगाते हैं। कुछ एनालिस्ट वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर इसे सर्कुलेट करते हैं। इसलिए यह और खतरनाक साबित हो सकता है।
बड़ी करेंसी पर फोकस करें
जिस तरह आप शेयर बाजार में बड़ी कंपनियों पर फोकस करते हैं, उसी तरह से क्रिप्टोकरेंसी में भी आपको ब्लूचिप यानी बड़ी करेंसी पर फोकस करना चाहिए। इसमें भी मिड कैप और पेन्नी यानी सस्ती करेंसी या सिक्के होते हैं। इसलिए कम कीमत देखकर कभी भी किसी सिक्के को खरीदने से बचना चाहिए। बड़ी करेंसी कीमती हो सकती हैं, पर वे ज्यादा स्थिर होती हैं। बिटकॉइन और एथरियम इसकी ब्लूचिप करेंसी मानी जाती हैं, जो पूरे बाजार के सेंटिमेंट को प्रभावित करती हैं।
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